देसी खीरे को टक्कर दे रही पहाड़ की ककड़ी, बढ़ी डिमांड
कोटद्वार शहर में सौ रुपये किलो तक बिक रही पहाड़ी ककड़ी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लाजवाब स्वाद के लिए प्रसिद्ध पहाड़ी ककड़ी इन दिनों देसी खीरे को टक्कर दे रही है। कोटद्वार शहर में पहाड़ी ककड़ी हाथो-हाथ सौ रुपये किलो तक बिक रही है। ग्रामीणों के लिए भी पहाड़ी ककड़ी एक बेहतर रोजगार का साधन बनी है।
इस वर्ष पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ी ककड़ी का काफी उत्पादन हुआ है। यही कारण है कि कोटद्वार बाजार में हर रोज सैकड़ों टन पहाड़ी ककड़ी बिकने के लिए पहुंच रही है। बाजार में दुकान के बाहर ककड़ी लगते ही हाथों-हाथ बिक रही है। पहाड़ी उत्पादकों के विक्रेता सुल्तान व राजू चौहान ने बताया कि गढ़वाल घूमने पहुंचे प्रवासी पहाड़ी ककड़ी की सबसे अधिक डिमांड कर रहे हैं। कई लोग एक दिन पहले ही ताजा पहाड़ी ककड़ी का आर्डर दे रहे हैं। बाजार में चालीस रुपये किलो बिकने वाले देसी खीरे को सौ रुपये में बिक रही पहाड़ी ककड़ी पूरी टक्कर दे रही है। मैदान में रामणी-पुलिंडा, यमकेश्वर, रिखणीखाल सहित अन्य क्षेत्रों से पहाड़ी ककड़ी बिकने के लिए पहुंच रही है।
बढ़ाती है प्रतिरोधक क्षमता
विटामिन ए, बी व सी से भरपूर पहाड़ी ककड़ी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मदद करती है। यही कारण है कि वर्तमान में डेंगू सहित अन्य वायरल से लड़ने में पहाड़ी ककड़ी एक बेहतर साधन बन रही है। दरअसल पहाड़ी ककड़ी का उत्पादन बिना किसी रासायनिक खाद या अन्य कीटनाशक की सहायता से किया जाता है।