शीतकाल के लिए बंद हुए श्री रुद्रनाथ के कपाट
चमोली। भगवान शिव के विश्व प्रसिद्घ श्री रुद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिये बंद हो गये हैं। भगवान के उत्सव विग्रह ष् डोली ष् के गोपेश्वर गोपीनाथ मंदिर में पहुंचने पर श्रद्घालुओं की आरती की और थालों के साथ स्वागत किया। रुद्रनाथ के पुजारी पंडित धर्मेन्द्र तिवाड़ी के आचार्यत्व में श्री रुद्रनाथ गुफा मंदिर के कपाट बंद किये गये। इस अवसर पर काशी बनारस के 11 ब्राह्मणों ने रुद्री पाठ किया। रविवार को निश्चित तिथि पर निर्धारित समय पर सुबह 6: 15 पर कपाट बंद हुये। सुबह 4 बजे से कपाट बंदी की प्रक्रिया शुरू हुई। भगवान का स्वर्ग द्वारी और सूर्य कुंड, नारद कुंड के जल से अभिषेक हुआ। सुबह 4:25 बजे पर भगवान रुद्रनाथ हिमालयी पुष्पों और वनस्पपति के बीच समाधिस्थ स्थिति में आये। सुबह 4: 35 बजे से कपाट बंदी की अंतिम प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। 6:15 बजे पर वेद मंत्रों के साथ कपाट बंद हुए। सुबह 7:15 से रुद्रनाथ हिमालय से भगवान की डोली उत्सव विग्रह को लेकर भक्त गण रुद्रनाथ के पुजारी पंडित धर्मेन्द्र तिवाड़ी के सानिध्य में रुद्रनाथ गोपेश्वर गद्दी स्थल के लिये रवाना हुये। दोपहर 3:46 पर भगवान का उत्सव विग्रह चंद्राकोड़ी पहुंचा और 4: 15 बजे राजा सगर की तप भूमि सगर पहुंची भगवान की डोली। श्रद्घालुओं ने अर्घ्य देकर स्वागत किया।