मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले, गैरसैंण में होगा विधानसभा का बजट सत्र
देहरादून। विधानसभा का बजट सत्र इस बार ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को देहरादून में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बजट सत्र में राज्य के विकास का भावी रोड मैप भी घोषित किया जाएगा। साथ ही राज्यवासियों से आगामी बजट के लिए सुझाव भी मांगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी खूबसूरत और आकर्षक हो, इसी दृष्टि से उसे विकसित किया जा रहा है।
गैरसैंण में होने वाले बजट सत्र में त्रिवेंद्र सरकार का अंतिम बजट पेश किया जाएगा। वजह ये कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव हैं। जरूरत पड़ने पर सरकार आगे अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। चुनावी वर्ष को देखते हुए इस बार बजट के लोकलुभावन रहने की संभावना है तो इसमें राज्य के विकास के भावी रोड मैप की झलक भी देखने को मिलेगी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण का बजट सत्र बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बजट के मद्देनजर समाज के प्रबुद्घजनों, युवाओं, महिलाओं से श्आपका बजट-आपके सुझावश् के तहत सुझाव मांगे गए हैं। अभी भी जो सुझाव प्राप्त होंगे, उनका संज्ञान लिया जाएगा। जनता के महत्वपूर्ण सुझावों को ध्यान में रखकर बजट तैयार होगा और इसमें समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि 20 जनवरी तक कोई भी व्यक्ति राजकोषीय नियोजन एवं संसाधन निदेशालय की वेबसाइट अथवा मोबाइल एप पर सुझाव दे सकता है।
एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि गैरसैंण अब ग्रीष्मकालीन राजधानी है। यह खूबसूरत व आकर्षक हो, इसी दृष्टि से उसे विकसित किया जा रहा है। ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र में कुछ हिस्सा अल्मोड़ा और कुछ चमोली जिले का शामिल किया गया है। सचिवालय व हेलीपैड के लिए धनराशि दी गई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को जिला स्तर का 50 बेड का अस्पताल बनाने के आदेश दिए गए हैं। बेनीताल को एस्ट्रो विलेज बनाने की कसरत चल रही है।
उन्होंने कहा कि गैरसैंण में जब विधानसभा सत्र होता है तो दूरस्थ क्षेत्रों की समस्याएं सामने आती हैं। सुदूरवर्ती क्षेत्र के लोग देहरादून कम आ पाते हैं। गैरसैंण में उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिल जाता है। इससे धरातलीय सच्चाई भी सामने आती है।
मुख्यमंत्री ने नौकरशाही को भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस के तहत अधिकारियों को सुधार का मौका दिया गया। यदि किसी ने गलती की है तो उसे सुधरने का मौका देना चाहिए। फिर भी कोई नहीं सुधरता है तो उन पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि यदि आगे भी कुछ खामियां पाई गईं और जनहित के कार्यों में लापरवाही की बात आती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिर चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो।