मुख्यमंत्री ने किया वृहद कृषि ऋण वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ-
देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण कृषि ऋण योजनान्तर्गत 03 लाख रूपये तक के वृहद ऋण वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह कार्यक्रम आज प्रदेश के सभी 95 विकासखण्डों एवं अन्य पांच स्थानों पर भी आयोजित किया गया। इस योजना के तहत 25 हजार लोगों को कृषि एवं कृषि यंत्रों, मत्स्य पालन, जड़ी-बूटी उत्पादन, मुर्गी पालन कुक्कुट पालन, मौन पालन आदि प्रयोजनों हेतु ऋण वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने मुख्य कार्यक्रम में शुभारम्भ के अवसर पर 11 लाभार्थियों को 03-03 लाख का चेक वितरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खेती और बागवानी के क्षेत्र में सराहनीय कार्यों के लिए पद्म प्राप्तकर्ता प्रेमचन्द्र शर्मा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, सुबोध उनियाल, डॉ. हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, अरविन्द पाण्डेय, राज्य मंत्री मती रेखा आर्या, नेता प्रतिपक्ष मती इंदिरा हृदयेश एवं संबधित क्षेत्रों के विधायकगण उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के आर्थिकी में सुधार के लिए अनेक प्रयास कर रही है। सरकार की किसानों के प्रति आत्मीय भाव एवं सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रही है। देश और प्रदेश के विकास के लिए जवानों और किसानों का सम्मान बहुत जरूरी है। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में जो 03 कृषि सुधार कानून लाये गये हैं। इससे किसानों को आने वाले समय में बहुत फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एम.एस. स्वामीनाथन की सिफारिशों को धरातल पर लाने का कार्य किया है। किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी दी जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि रूड़की से दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना के अच्छे परिणाम मिले इसलिये इस योजना को आगे विस्तारित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान ईमानदारी की रोटी खाता है, किसानों को जो ऋण दिया गया था, उसका 60 प्रतिशत वापस लौटा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक किसान एवं गांवों में लोगों को आय का अर्जन नहीं होगा, तब तक बाजार की स्थिति नहीं सुधर सकती। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए अलग-अलग थीम पर ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अभी तक 107 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत हो चुके हैं। आज ये ग्रोथ सेंटर स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ाने में कारगर साबित हो रहे हैं। प्रदेश की सभी न्यया पंचायतों तक इन ग्रोथ सेंटर को विस्तारित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना- राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना में लगभग 150 प्रकृति के कार्य शामिल हैं। इस योजना के तहत 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। चीड़ की पत्तियों से बिजली एवं ब्रेकेट बनाने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना- मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत 25-25 किलोवाट के सोलर के प्रोजक्ट लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया है। इससे बिजली खरीदने का कार्य राज्य सरकार करेगी। इसका मूल्य भी 4.50 प्रति यूनिट रूपये निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर सहकारिता एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक विनोद चमोली, हरवंश कपूर, गणेश जोशी, खजानदास, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव पुण्डीर, उमेश शर्मा काऊ, एंग्लो इण्डियन विधायक जार्ज आईवन ग्रेगरी मैन, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव सहकारिता आर मीना सुंदरम आदि उपस्थित थे।