11 सूत्रीय मांगों को लेकर नगर निगम के सफाई कर्मियों का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। देवभूमि उत्तराखण्ड सफाई कर्मचारी संघ ने संपूर्ण उत्तराखण्ड से स्थानीय निकाय सहित अन्य विभागों से सफाई कार्य से ठेका प्रथा पूरी तरह से समाप्त करने सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। संघ के अध्यक्ष शशि ने बताया कि जब तक उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं होगी तब तक कार्यबहिष्कार जारी रहेगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में संघ के अध्यक्ष शशि ने संपूर्ण उत्तराखण्ड से स्थानीय निकाय सहित अन्य विभागों (चिकित्सालय, शैक्षणिक संस्थान) से सफाई कार्य से ठेका प्रथा पूरी तरह से समाप्त कर सफाई कर्मचारियों के स्थायी पदों पर भर्ती शुरू करते हुए मौहल्ला स्वच्छता समिति, संविदा एवं आउट सोर्सिग सफाई कर्मचारियों को नियमित करने, 12 जून 2015 के ढांचे में संशोधन कर सफाई कर्मचारी के आउट सोर्सिग के पद के स्थान पर स्थायी पद एक हजार पर पांच सफाई कर्मचारी व वाहन चालक के आउट सोर्सिग के पद के स्थान पर स्थायी पद वाहन की उपलब्धता के आधार पर करने, अकेन्द्रियत एवं केन्द्रियत कर्मचारियों की नियमावली में संशोधन करते हुए पर्यावरण मित्रों को कनिष्ठ सहायक, पर्यावरण पर्यवेक्षक, सफाई निरीक्षक पदों पर पदोन्नति का लाभ देने, मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, सफाई कर्मचारियों का जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने, सफाई कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति भत्ते दिये जाने, धुलाई व टूल भत्ते में वृद्धि करने, सफाई कर्मचारियों को आवंटित आवासों पर मालिकाना हक देने, भूमिहीन वाल्मिकी समाज के लोगों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र व जाति प्रमाणपत्र प्राथमिकता के साथ बनाने, विनियमिती नियमावली 2013 में संशोधन करते हुए उक्त नियमावली से आच्छादित कर्मचारी की मृत्यु उपरान्त मृतक आश्रित नियमावली 1974 के तहत नियुक्ति देने, पर्यावरण मित्र पदनाम को संशोधित करते हुए सफाई सैनिक नाम देने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में संघ के संरक्षक नरेंद्र घाघट, उपाध्यक्ष धीरज गोडियाल, सह उपाध्यक्ष ज्वाला प्रसाद, सचिव जितेंद्र गोडियाल, कोषाध्यक्ष अजय केशियाल, मुकेश गोडियाल, सह सचिव बीरेंद्र, संगठन मंत्री धर्मेद्र, महेंद्र घाघट, सुनील, सन्नो, गुड्डी देवी, संजीव, अश्वनी, प्रवेश आदि शामिल थे।