गमगीन माहौल में संगीतकार गुंजन डंगवाल पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में जुटे लोक कलाकार
देहरादून। युवा संगीतकार एवं रिकार्डिस्ट गुंजन डंगवाल पंचतत्व में विलीन हो गए। अंतिम संस्कार रविवार की सुबहाषिकेश के सम्पूर्णानंद घाट पर परम्परानुसार किया गया। देर रात को उनका पार्थिव शरीर उनके परिजन चंडीगढ़ से लेकर दून लौटे थे।
देर रात को शव को दून के एक निजी अस्पताल में रखा गया। सुबह कुछ देर के लिए शव को बंजारावाला स्थित टीएचडीसी कलोनी टिहरी नगर आवास लाया गया। साथ में उनके पिता कैलाश डंगवाल और अन्य परिजन थे। सुबह अंतिम संस्कार के लिएाषिकेश ले जाया गया। जहां पर अंतिम दर्शनों के लिए उत्तराखंडी गीत-संगीत से जुड़े कलाकार, गायकों में रजनीकांत सेमवाल, प्रियंका मेहर, अब्बू रावत, रोहित चौहान, सोहन चौहान, गोविंद नेगी, सौरभ मैठाणी, ईशान डोभाल, रोहन भारद्वाज, सूरज रावत आदि मौजूद थे। गायक रजनीकांत सेमवाल ने बताया कि माहौल बेहद गमगीन था। वह इस घटना से हतप्रभ हैं। गुंजन ने उनकी एलबम भग्यानी बौ और तेरा ख्यालों मां का भी संगीत दिया था। वह बहुत ही क्रिएटिव और नेक इंसान के रूप में याद रखे जाएंगे। गौरतलब है कि गुंजन का एक्सीडेंट शनिवार तड़के दून से चंडीगढ़ जाते समय चंडीगढ़ से करीब 12-13 किलोमीटर दूर पंचकुला के पास हो गया था। उनकी कार चौक से जा टकराई थी। दुर्घटना के समय वह अपनी स्विफ्ट कार में अकेले सवार थे। गुंजन चंडीगढ़ में एनिमेटर रोनित सिंह से एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में मिलने गए थे। गुंजन के समय पर चंडीगढ़ नहीं पहुंचने पर उन्होंने गुंजन के मोबाइल पर कई फोन किए, इसके बाद पुलिस ने सबसे पहले रोनित को ही फोन किया था। पंचकुला पुलिस ने इसके बाद गुंजन के घरवालों को फोन पर दुर्घटना की सूचना दी थी। पंचकूला पुलिस के अनुसार, गुंजन शनिवार सुबह उत्तराखंड से चंडीगढ़ जा रहे थे। वे सुबह करीब 4 बजे रामगढ़ से होकर सेक्टर-23 डंपिंग ग्राउंड के पास पहुंचे तो उनकी गाड़ी चौक से टकराकर लक हो गई। राहगीर ने इसकी सूचना डायल 112 को दी। पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और गुंजन को सेक्टर-6 स्थित सामान्य अस्पताल पहुंचाया गया। जांच के बाद डक्टरों ने गुंजन को मृत घोषित कर दिया। इलेक्ट्रिकल से बीटेक गुंजन को गायन और संगीत के क्षेत्र में काफी रुचि थी, जिससे गुंजन ने कम समय में गायन और संगीत में ख्याति अर्जित कर ली थी।