नगर निगम की अनदेखी से बुद्धा पार्क बदहाल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम प्रशासन की अनदेखी के कारण पार्को की हालत खराब है। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत बदरीनाथ मार्ग स्थित बुद्धापार्क की हालत देखरेख के अभाव में बदहाल बनी हुई है। सुबह-सायं पार्क में खेलने के लिए बच्चों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन उचित रख-रखाव के अभाव में पार्क में लगे अधिकतर झूले व खेल-कूद का सामना क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है और नगर निगम इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।
नगर निगम के बुद्धा पार्क का पूर्व में सौन्दर्यीकरण किया गया था। पार्क में बच्चों के खेलने के लिए झूले सहित अन्य सामग्री लगाई गई थी, लेकिन नगर निगम की उदासीनता की वजह से पार्क असामाजिक तत्वों की भेंट चढ़ता जा रहा है। अब यह पार्क नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है। ये लोग पार्क को हर तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन निगम ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में पार्क खंडहर होता जा रहा है। पार्क में आसपास के लोग घूमने और बच्चे खेलने आते है, लेकिन पार्क में झूले टूटे होने से बच्चे मायूस हो जाते है। वहीं देखरेख नहीं होने से धीरे-धीरे नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का कब्जा हो गया। अब लोग इस पार्क में आने से कतराते हैं। वहीं पार्क के गार्डन में लगे डस्टबिन, झूले और अन्य संसाधनों को नुकसान पहुंचाया गया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पार्क की देखरेख तो नगर निगम को करनी चाहिए। निगम को पार्क की देखरेख के लिए चौकीदार की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बरसात के समय तो पार्क में बड़ी-बड़ी घास उग आने के कारण यहां सांप, बिच्छू जैसे जहरीले कीड़े-मकोड़े निकलने का डर बना रहता है, इसलिए बच्चों को भी पार्क में खेलने के लिए नहीं भेजते। क्षेत्र में बच्चों के लिए खेलने की जगह नहीं होने से वे घर में ही कैद होकर रह जाते हैं। अभिभावकों का कहना है कि नगर निगम प्रशासन को जल्द ही क्षतिग्रस्त झूलों की मरम्मत करानी चाहिए। ताकि बच्चों को पार्क से मायूस होकर वापस न लौटना पड़े।
असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया बेंच।
लोगों ने आना किया कम
बदरीनाथ मार्ग स्थित बुद्धा पार्क में सांय होते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है। असामाजिक तत्वों के जमावड़े को देखते हुए आम लोगों का यहां आना-जाना कम हो गया है। ऐसे में पार्क अब वीरान लगने लगा है। पार्क के कई महत्वपूर्ण साजो-सामान बर्बाद हो रहे हैं। अगर नगर निगम की ओर से यही रवैया रहा तो जल्द ही यह पार्क पूर्ण रूप से खंडहर हो जाएगा।
कबाड़ हो गए बच्चों के लिए लगाए गए झूले
वर्षों पहले यह पार्क नगर पालिका द्वारा विकसित किया गया था। पिछले कई सालों से इसकी देखभाल नहीं किए जाने से यह बदहाल हो चुका है। लोगों के बैठने के लिए इस पार्क में जगह बनाई गई थी। वहीं बच्चों को खेलने के लिए झूले आदि की व्यवस्था की गई थी, लेकिन देखरेख के अभाव में यह सब कबाड़ होता जा रहा है। कई बार लोग इस पार्क को दुरुस्त करने की मांग कर चुके हैं। इसके बाद भी निगम इस ओर ध्यान दे रहा है।
पार्क में बिखरा पड़ा कूड़ा
नगर निगम क्षेत्र व पार्को की सफाई करने का दावा करने वाले नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के दावों की पोल खुल रही है। नगर निगम के बुद्धा पार्क की जमीन पर कूड़ा बिखरा पड़ा हआ है। जिससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, बल्कि पार्क में टहलने वाले लोगों तथा खेलने वाले बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन नगर निगम प्रशासन आंखे मूंदे बैठा है।
पार्क में पॉलीथीन जगह-जगह बिखरी पड़ी है। पार्क में टहलने वाले लोग खाने के बाद पॉलीथीन पार्क में ही इधर-उधर छोड़ देते है। हालांकि नगर निगम ने पार्क में कूड़ा डालने के लिए कूड़ेदान भी लगाये है, लेकिन इसके बावजूद भी लोग कूड़ेदान में कूड़ा डालने के बजाय पार्क में बिखरे देते है। जिस कारण पार्क के अंदर जगह-जगह कूड़ा बिखरा पड़ा हुआ है। पार्क में टहलने वाले लोगों का कहना है कि पार्क में जगह-जगह बिखरे पड़े कूड़ा कचरे से नगर निगम प्रशासन की लचर व्यवस्था का पता चलता है। वही सायं होते ही पार्क में आम आदमी के बजाय असामाजिक तत्वों की मौजूदगी अधिक रहती है।
क्या कहते है नगर आयुक्त
नगर निगम कोटद्वार के नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि पार्कों के सौन्दर्यीकरण को लेकर आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को नियमित पार्कों की सफाई करने के लिए निर्देशित किया गया है।