जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सुबह मतदान के लिए बड़े उत्साह के साथ घर से निकले थे। लेकिन, जैसे ही मतदान केंद्र में मतदान लिस्ट देखी तो उसमें नाम कही दर्ज नहीं था। ऐसे में कई लोग अपने मत का प्रयोग नहीं कर पाए। मतदान से वंचित अधिकांश लोगों ने इसे प्रशासन की लापरवाही बताया। कहा कि आधार कार्ड व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज देने के बाद भी प्रशासन ने लिस्ट में नाम दर्ज नहीं करवाया।
मतदान के लिए वोटर लिस्ट में नाम दर्ज होना अति आवश्यक है। इसके लिए प्रशासन ने कुछ माह पूर्व अभियान भी चलाया। लेकिन, मतदान के दिन अधिकांश लोगों का वोटर लिस्ट में नाम तक नहीं था। नतीजा वह अपने मत का प्रयोग नहीं कर पाए। देवी रोड निवासी पूजा ने बताया कि कुछ माह पूर्व प्रशासन के लोग वोटर कार्ड बनवाने के लिए घर पर आए थे। उन्होंने वोटर कार्ड बनाने के लिए तमाम दस्तावेज टीम को उपलब्ध करवाए। टीम ने आश्वासन दिया था कि उनका नाम मतदाता सूची में आ जाएगा। लेकिन, शुक्रवार को जब वे मतदान केंद्र में पहुंची तो उनका नाम मतदाता सूची में नहीं था। गिवईस्रोत निवासी सुनील बडोला ने बताया कि उनके परिवार में सात लोग है। पूर्व में उनका परिवार हर चुनाव में मतदान करता था। लेकिन, इस बार पूरे परिवार का वोटर लिस्ट से नाम ही गायब हो गया है।
स्वयं सेवियों ने की मदद
बुजुर्ग व दिव्यांयों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े बच्चों ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बच्चे बुजुर्ग व दिव्यांगों को सहारा देते हुए मतदान केंद्र तक लेकर गए। साथ ही कई बुजुर्गों व दिव्यांगों को व्हीलचेयर के माध्यम से केंद्र तक लाया गया। स्वयं सेवी पूरी गंभीरता के साथ सेवा में जुटे हुए थे। मतदान के लिए आने वाले लोगों ने स्वयं सेवियों के इस कार्य की प्रशंसा भी की।