नरगड़ा के ग्रामीणों ने दिखाया प्रशासन को आइना

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बागेश्वर। कपकोट ब्लॉक के नरगड़ा गांव के लोगों ने प्रशासन को आइना दिखाने का काम किया है। उन्होंने खुद आपदा से ध्वस्त रास्तों को खोलने का जिम्मा लिया। विभागों के चक्कर लगाने के बाद भी जब किसी ने उनकी नहीं सुनी तो उन्होंने खुद ही मार्ग ठीक करने का निर्णय लिया। डिस्ट्रिक्ट बोर्ड का यह पैदल रास्ता कपकोट को धरमघर को जोड़ता है, इसलिए एक समय इसका सामरिक महत्व था। प्रधान भागीरथी देवी और ग्रामीणों ने बताया कि सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों विधायक सांसद से लेकर डीएम, एसडीएम समेत लगभग हर सरकारी कार्यालयों में गुहार लगा दी। इस काम में उनके जूते भी घिस चुके हैं, लेकिन हर जगह निराशा ही हाथ लगी है इसलिए उन्होंने 2022 विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बनाया है। सड़क ना होने से हालात यह है कि ग्रामीण बुजुर्ग बीमार आदमी और प्रसव पीड़िता महिला को 12 किमी ऊबड़-खाबड़ रास्ते से डोली के सहारे कंधे में रखकर सड़क तक पहुंचते हैं। इतना ही नहीं सस्ते गल्ले की दुकान से मिलने वाला सरकारी राशन और कोरोना महामारी में मिल रहा मुफ़्त का राशन लेने के लिए भी 12 किमी पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। तारा सिंह, जगदीश सिंह, राजेंद्र सिंह, उमेश सिंह, महेश सिंह, खीम सिंह, भूपाल सिंह आदि ने कहा कि आपदा से ध्वस्त मार्ग को ठीक करने का काम शुरू हो गया है।

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