नेशनल हाईवे बना अखाड़ा, दो सांडों के दंगल में आफत में फंसी लोगों की जान
-नगर निगम की लापरवाही लोगों पर पड़ रही भारी, आए दिन जूझ रहे हैं बेसहारा पशुओं के आतंक से
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नगर निगम कोटद्वार की जनता बेसहारा पशुओं के आतंक से परेशान है। आए दिन इन पशुओं के बीच होने वाले संघर्ष के कारण लोग चोटिल होते रहते हैं। गुरुवार को तो दो सांडों ने नजीबाबाद-बुआखाल नेशनल हाईवे को ही अपना अखाड़ा बना दिया। करीब एक घंटे तक चले सांडों के दंगल के कारण कई लोगों की जान खतरे में पड़ी रही। वहीं, नगर निगम व प्रशासन ने इस मामले को बहुत हल्के में लिया और किसी ने भी इन सांडों को हाईवे से हटाने की जहमत नहीं उठाई।
लोगों के लिए मुसीबत बने बेसहारा पशुओं से अब जान का खतरा भी बनने लगा है। पहले यह सिर्फ नगर में व्यापारियों की दुकानों से खाद्य पदार्थों समेत अन्य सामान को ही नुकसार पहुंचाते थे, लेकिन अब बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ने के साथ ही यह धीरे-धीरे आक्रोशित होते जा रहे हैं। जिससे यह पशु आपस में ही कई बार संघर्ष करते हुए देखे जा सकते हैं। इन पशुओं का संघर्ष इतना भीषण होता है कि लोगों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है। गुरुवार को भी नेशनल हाईवे पर तहसील के पास दो सांडों के संघर्ष ने लोगों में भगदड़ पैदा कर दी। हाईवे किनारे फड़-रेहड़ी लगाने वाले भी अपना सामान छोड़कर भाग निकले। दोनों सांडों की लड़ाई इतनी भीषण थी कि कोई भी उन्हें भगाने की हिम्मत नहीं कर पाया। इस दौरान सांडों ने कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया।
हाईवे पर लगा वाहनों का लंबा जाम
सांडों की लड़ाई के चलते हाईवे पर दोनों ओर वाहनों का लंबा जाम लग गया। हालांकि जाम की खबर सुनते ही पुलिस के कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन वह भी लाचार नजर आए। कुछ लोगों ने पानी डालकर सांडों को भगाने का प्रयास भी किया, लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। शहर के बीचों-बीच इस तरह के हालात देखकर विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है।