बरसात में संभलकर करें सफर, चुनौती बन रहा राष्ट्रीय राजमार्ग

Spread the love

कोटद्वार दुगड्डा के मध्य जगह-जगह पहाड़ी से गिर रहे पत्थर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नजबीबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य सफर इस वर्षा काल में चुनौती बन सकता है। दरअसल, हल्की वर्षा के दौरान ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ी से बोल्डर गिरने लगे। यही नहीं, जिन स्थानों पर हाईवे के पुश्ते दरके हुए हैं, बारिश के दौरान उन पुश्तों से भी पत्थर नदी की ओर गिर रहे थे। ऐसे में यदि सड़क खोखली हुई तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है। बताना जरूरी है कि दो वर्ष पूर्व हुई अतिवृष्टि के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई टूट-फूट को अभी तक ठीक नहीं किया गया है।
वर्ष 2023 में हुई अतिवृष्टि के दौरान कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर काफी नुकसान हुआ। एनएचएआई ने मार्ग को आवागमन लायक तो बना दिया। लेकिन, आज तक मार्ग की मरम्मत नहीं की। नतीजा, पुराने जख्म कब बड़ी दुर्घटना का कारण बन जाएं, कहा नहीं जा सकता। हालात यह है कि पंद्रह किलोमीटर के इस सफर में हर मोड़ पर खतरे हैं। सड़क में दस से अधिक स्थान डेंजर जोन की सूची में शामिल तो हैं। लेकिन, वहां सुरक्षा के कोई उपाय नहीं हैं। नतीजा, शनिवार सुबह को जैसे ही क्षेत्र में बारिश हुई, कोटद्वार से करीब चार किलोमीटर आगे पहाड़ी से मलबा व पत्थर गिरने का क्रम शुरू हो गया। सिर्फ इसी स्थान पर नहीं, कई अन्य स्थानों पर भी चट्टानों से सड़क पर बोल्डर गिर रहे थे।

तो कट जाएगी लाइफ लाइन
जिस तरह से राष्ट्रीय राजमार्ग हल्की वर्षा में ही चुनौती बन रहा है। ऐसे में वर्षाकाल के दौरान स्थिति और अधिक भयंकर हो सकती है। यदि हाईवे पूरी तरह ध्वस्त हो गया तो कोटद्वार से पहाड़ का संपर्क पूरी तरह कट जाएगा। हालांकि, कोटद्वार से पुलिंडा-रामडी होते हुए दुगड्डा को एक मार्ग और भी है। लेकिन, वर्षाकाल में यह मार्ग भी बदहाल हो जाता है। यदि समय रहते हाईवे की स्थिति में सुधार नहीं किया गया तो व्यवस्थाएं बिगड़ सकती हैं।

नहीं बनाई गई पुलिया
राष्ट्रीय राजमार्ग पर आमसौड़ से करीब एक किलोमीटर पीछे कोटद्वार की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर आवागमन के लिए पुलिया का निर्माण करवाया गया था। लेकिन, दो पुलिया में से एक पुलिया पिछले दो वर्षों से धराशायी पड़ी हुई है। नतीजा, उक्त स्थान पर स्थित एक पुलिया पर ही आवागमन का भार बढ़ गया है। लोगों की शिकायत के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने धराशायी पुलिया की मरम्मत की सुध नहीं ली। ऐसे में यदि दूसरी पुलिया भी धराशायी हो गई तो मैदान से पहाड़ का संपर्क कट जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *