प्रकृति केवल पर्यावरण नहीं, वह हमारा परिवार है: सतीश गौतम

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– वृक्ष हमारे वंश हैं, नदियां हमारी नसों में बहती जीवनधारा
– अपने अस्तित्व को बचाने के लिए प्रकृति का संरक्षण जरूरी
ऋषिकेश(। अलीगढ़ सांसद सतीश कुमार गौतम ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि प्रकृति केवल पर्यावरण नहीं, वह हमारा परिवार है। वृक्ष हमारे वंश हैं, नदियां हमारी नसों में बहती जीवनधारा हैं। अगर हम प्रकृति को न बचा सके, तो हम अपने अस्तित्व को भी नहीं बचा पाएंगे। यह बातें उन्होंने शनिवार को परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात करने के दौरान कही। उन्होंने स्वामी चिदानंद से आशीर्वाद लिया और परमार्थ में आयोजित अध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों जैसे हवन पूजन, गंगा आरती आदि में भाग लिया। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन पर्यावरण संरक्षण और अध्यात्म, योग आदि के लिए निरंतर कार्य कर रहा है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रकृति को केवल संसाधन नहीं, सजीव चेतना के रूप में देखा गया है। हमने नदियों को माता, वृक्षों को पूज्य और पशु-पक्षियों को सहचर माना है। हमारे वेदों, उपनिषदों और पुराणों में प्रकृति की महिमा गाई गई है, जिससे स्पष्ट होता है कि प्रकृति हमारे लिए पूज्य है, उपभोग की वस्तु नहीं। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हम सभी प्रकृति के स्वामी नहीं, बल्कि उसके संरक्षक हैं। प्रकृति के संतुलन से ही जीवन की निरंतरता बनी रहती है। इस दौरान उन्होंने सांसद को रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

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