प्रकृति परीक्षण अभियान का लक्ष्य हर घर तक आयुर्वेद को पहुंचना

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चमोली : मुख्य विकास अधिकारी नन्दन कुमार की अध्यक्षता में जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग द्वारा विकास भवन सभागार में देश का प्रकृति परीक्षण अभियान के जनपद में सुचारू संचालन को लेकर जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सुनील रतूड़ी ने बताया कि भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग एवं आयुष मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में प्रकृति परीक्षण अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है। जिसमें 26 नवम्बर से 25 दिसम्बर तक 1 करोड़ लोगों का प्रकृति परीक्षण किया जाना है। जनपद में अब तक 3000 हजार लोगों का प्रकृति परीक्षण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस अभियान का लक्ष्य हर घर तक आयुर्वेद को पहुंचना है। प्रकृति परीक्षण अभियान आयुर्वेद के सिद्धांत पर कार्य करता है। कहा कि हर व्यक्ति की प्रकृति अलग होती है। प्रकृति परीक्षण से हर व्यक्ति को अपनी प्रकृति की जानकारी होगी। तो उसके अनुसार कौन सा आहार उसके लिए हितकर है कौन सा नही है। लोगों को उनकी प्रकृति के अनुरूप आहार व्यवहार और जीवन शैली अपनाने की जानकारी मोबाइल एप्लीकेशन से दी जा रही है और भविष्य मे दी जाएगी। इससे शारीरिक एवं मानसिक रोगों की रोकथाम में मदद मिलेगी। लोग अपनी प्रकृति के अनुसार आहार और दिनचर्या को अपना कर स्वस्थ एवं निरोगी रह सकते हैं। इस दौरान जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी श्रवण कुमार त्रिपाठी ने आम जनमानस को अधिक से अधिक प्रकृति परीक्षण कराने की अपील की। प्रकृति परीक्षण जनपद के राजकीय एवं निजी रजिस्टर्ड चिकित्सा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। (एजेंसी)

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