नई दिल्ली, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने आज बुधवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया. सीपी राधाकृष्णन के नामांकन के समय उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत एनडीए के कई कद्दावर नेता और अन्य सांसद उनके साथ पर्चा दाखिल करने के समय पहुंचे. बता दें कि उपराष्ट्रपति पद का चुनाव 9 सितंबर को होना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नामांकन पत्रों के पहले सेट में मुख्य प्रस्तावक थे. नामांकन 4 सेटों में दाखिल किया गया. प्रत्येक सेट में 20 प्रस्तावकों और 20 अनुमोदकों के हस्ताक्षर थे. पहले सेट में मुख्य प्रस्तावक के रूप में पीएम मोदी के हस्ताक्षर होंगे, जबकि बाकी सेटों में केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ एनडीए नेताओं के हस्ताक्षर थे. इस तरह से ये गठबंधन में व्यापक सहमति को दर्शाता है. इस तरह से इस ब्लॉक के जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी से सीपी राधाकृषणन की सीधी टक्कर होगी.
संसद भवन में नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान मंत्रियों और सांसदों सहित एनडीए के लगभग 160 सदस्य मौजूद थे.
गौर करें तो सीपी राधाकृष्णन को नामित करने का निर्णय केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के आवास पर एनडीए के नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान सर्वसम्मति से लिया गया था.
एनडीए के वरिष्ठ सहयोगी और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सर्वसम्मति से मिले समर्थन की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी उपस्थित नेताओं ने राधाकृष्णन की उम्मीदवारी के लिए अपना पूरा समर्थन देने का संकल्प लिया था.
इससे पहले रविवार को, प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक जीवन में सीपी राधाकृष्णन के योगदान की सराहना की और उन्हें विनम्रता, बुद्धिमत्ता और जमीनी स्तर से जुड़ाव वाला नेता बताया.
सोशल साइट पर एक्स पर पोस्ट किए गए एक संदेश में, पीएम मोदी ने कहा, अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में, थिरु सीपी राधाकृष्णन जी ने अपने समर्पण, विनम्रता और बुद्धिमत्ता से खुद को प्रतिष्ठित किया है. उन्होंने हमेशा सामुदायिक सेवा और हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है. मुझे खुशी है कि एनडीए परिवार ने उन्हें हमारे गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित करने का फैसला किया है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और मेघालय के वर्तमान राज्यपाल राधाकृष्णन का राजनीतिक और प्रशासनिक करियर व्यापक रहा है. वह तमिलनाडु से संसद सदस्य रह चुके हैं और अपनी विधायी कुशलता तथा सामाजिक सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं. उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव अगले महीने होने हैं और संसद में एनडीए की संख्या बल में बढ़त को देखते हुए राधाकृष्णन के जीतने की पूरी उम्मीद है. हालांकि इंडिया ब्लॉक ने कड़ी टक्कर देने की लंबी प्लानिंग कर रखी है.