मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत : नौटियाल
श्रीनगर गढ़वाल : पहले इंडिया फाउंडेशन न्यू दिल्ली एवं हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के सयुंक्त तत्वावधान में ‘2047 में भारत’ विषय पर विवि के चयनित प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के साथ यूथ परामर्श कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि आज के युवा 2047 में भारत कैसा हो के कर्णधार हैं, मगर हमें अभी से अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है। सरकारें सब कुछ नहीं दे सकती है हमें भी परिश्रम के साथ अपने फील्ड ऑफ इन्टरेस्ट में काम करने व एक दूसरे पर विश्वास करने की आवश्यकता भी है।
इस मौके पर 2047 में भारत कैसा होगा के लिए पहले इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन एवं निति आयोग भारत सरकार के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार द्वारा विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि भारत के विकास में विज्ञान एवं तकनीकी, डिजिटल इकॉनामी, मूल्य श्रृंखला, उत्पात निर्माण, जलवायु परिवर्तन तथा सतत विकास, कृषि, प्राकृतिक संसाधन, शहरीकरण, मानव ससाधनों का विकास, गवर्नेंस एवं ब्यूरोक्रेसी रिफोर्म, सेल्फ रिलांयस एवं एसेंशियल सर्विसेज इत्यादि पर जोर दिया जाना जरूरी है। मौके पर छात्र-छात्राओं ने अपने विचारों में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं तकनीकी को प्राथमिकता से लिए जाने पर जोर दिया। छात्र-छात्राओं ने कहा कि स्थानीय संसाधनों को उत्पात में परवर्तित कर भारत का रुपया भारत में ही रहे जैसे विषयों पर ठोस कार्य योजना बनाए जाने की जरूरत है। भारत के पास संसाधन हैं मगर तकनीकी रूप से सक्षम मानव संसाधन की कमी है। जिसको 2047 के भारत के नजरिये से दूर किया जाना जरूरी है। प्रतिमा दास, गौरव सिंह कठैत, निखिल गुप्ता, करन झा, मनीषा चक्रवर्ती, धर्मेन्द्र, किरन कुमार, सूरज मिश्रा, इंजीनियरिंग, वैष्णवी उनियाल आदि ने विचार रखे। इस अवसर पर विवि के प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट, अनूप नौटियाल, प्रो. हेमवती नन्दन, प्रो. वाईपी रैवानी, प्रो. आरके मैखुरी, प्रो. दीपक कुमार, प्रो. एमएस नेगी, प्रो. भानु प्रसाद नैथानी, डा. संजय उनियाल, डा. विजय कान्त पुरोहित, डा. सर्वेश उनियाल, डा. महेन्द्र बाबू तथा पहले इंडिया के एग्जिक्यूटिव निदेशक रवि कुमार मौजूद रहे। संचालन प्रो. आरसी. सुन्द्रियाल ने किया। (एजेन्सी)