युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर लेट्स टॉक कैंपेन थीम को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पौड़ी में गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा कि व्यक्ति को अपनी इच्छाएं सीमित रखनी चाहिए एवं कार्य क्षेत्र में काम की अधिकता को एक अवसर की तरह लेना चाहिए न कि तनाव की तरह। उन्होंने कहा आज किशोर-किशोरियों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता हैं। उन्हें आत्महत्या जैसे विचारों की रोकथाम करते हुए उन्हें सकारात्मक विचारों हेतु प्रेरित किया जाना चाहिए।
गोष्ठी के दौरान मनोचिकित्सक डॉ. आशीष गुसाईं ने कहा कि दैनिक जीवन में तनाव हानिकारक हो सकता है, प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र, घर परिवार, रिश्ते, बच्चे आदि किसी भी वजह से तनाव में आ सकता है। अधिक तनाव से शरीर पर हानिकारक प्रभाव होते हैं, जिनसे शारीरिक प्रभाव में वजन बढ़ाना, बाल झड़ना, उच्च रक्त ताप व मानसिक रूप से व्यक्ति मूड स्विंग, एंजायटी, डिप्रैशन एल्कोहल, ड्रग्स आदि का शिकार हो सकता है। उन्होंने इसके बचाव के लिए योगा, मेडिटेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, टॉक थेरेपी, काउंसलिंग वर्कआउट आदि की सलाह दी। उन्होंने बताया कि सुसाइड के हाई रिस्क कैटेगरी में 45 साल से अधिक उम्र के लोग, तलाकशुदा, बेरोजगार, लंबी बीमारी, निराशावादी, समाज से अलग रहने की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों की सुसाइड करने की ज्यादा संभावना होती है ऐसे लोगों को आत्महत्या जैसे विचारों से उबारने के लिए जागरूकता व काउंसलिंग की अधिक आवश्यकता होती है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रमेश कुंवर ने कहा कि यह माता-पिता की भी जिम्मेदारी है की वे अपने बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करें, यदि कोई युवा, किशोर, किशोरी परेशान है स्ट्रेस, गुमसुम, परीक्षा व परीक्षाफल के साथ ही नकारात्मक विचारों के दबाव में है तो उससे बात करिए उन्हें अपनी चिंता विचार साझा करने के लिए प्रेरित करें और उन्हें समझने व समझाने का प्रयास करें। इस मौके पर मनमोहन देवली, आशीष रावत, शिवांगी, राजीव रावत, मनीष भट्ट के साथ ही समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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