एनईपी का वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ
न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) हर पूर्वाग्रह से मुक्त: अरविंद पांडे
देहरादून। तमाम स्कूल के प्रिंसिपल, जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और शिक्षक न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी), 2020 को लेकर हुए पहले वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए। इसका आयोजन उत्तराखंड के देहरादून के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय से किया गया था, जिसमें शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने हिस्सा लिया। यह वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम वैल्यूएबल ग्रुप के वी-सैट आधारित टेक्नोलॉजी के माध्यम से हुआ, जिसकी काफी सराहना की गयी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल के प्रिंसिपलों, जिला शिक्षा अधिकारियों, ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को नई शिक्षा नीति के बारे में जागरूक करना और बीईओ व सीईओ से इस नीति को लागू किये जाने को लेकर राय हासिल करना था। इस कार्यक्रम के अन्य गणमान्य सदस्यों में एससीईआरटी निदेशक सचिव सीमा जौनसारी, अतिरिक्त प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. मुकुल कुमार सती का शुमार रहा। इस पूरे वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रसारण देहरादून के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में स्थित स्टूडियो से किया गया। इस वर्चुअल टेक्नोलॉजी को वैल्यूएबल ग्रुप के वी-सैट आधारित इंटरएक्टिव टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्थापित व लागू किया गया था और इसका आयोजन एससीईआरटी और सीमैट ने साझा तौर पर किया था। उल्लेखनीय है कि यह टेक्नोलॉजी वी-सैट सोल्यूशन के माध्यम से दूरदराज के इलाकों में छात्रों व शिक्षकों अथवा किसी भी सदस्य को जोड़ने में मदद करता है. इस वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम के मौके पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने नई शिक्षा नीति, 2020 की काफी सराहना की और इसके बारे में प्रतिभागियों से संक्षिप्त रूप से चर्चा भी की। इस मौके पर उन्होंने नई शिक्षा नीति की महत्ता को भी रेखांकित किया, जिसे कैबिनेट ने 29 जुलाई को मंजूरी दे दी थी। गौरतलब है कि इस शिक्षा नीति को किसी भी तरह के पूर्वाग्रह और पक्षपाती रवैये से मुक्त बताया गया है. शिक्षा नीति में पिछले 28 सालों में हुए इस बदलाव के माध्यम से स्थानीय भाषाओं में प्राथमिक शिक्षा देने की वकालत की गयी है, लेकिन इसे अपरिहार्य नहीं बनाया गया है। इसमें शिक्षा पर खर्च की जानेवाली 4 प्रतिशत जीडीपी को बढ़ाकर 6 प्रतिशत किये जाने का भी प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त बोर्ड परीक्षाओं के ढांचे में बदलाव करने
की बात कही गयी है. ये तमाम प्रावधान शिक्षा प्रणाली को और भी सामायिक औए कौशल आधारित बनाने के लिए उठाये गये कदमों का अहम हिस्सा हैं। इस अनूठी किस्म की पहल को लागू करनावाले में उत्तराखंड से ताल्लुक रखनेवाले शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का अहम योगदान रहा, जो इस वर्चुअल टेक्नोलॉजी को उत्तराखंड के दूरदराज के इलाकों में लागू कराने में सफल साबित हूं।