उत्तराखंड

भारत को विश्व में अग्रणी स्थान दिलायेगी नई शिक्षा नीत : प्रो. सकलानी

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नई टिहरी : गढ़वाल विवि के एसआरटी परिसर बादशाहीथौल में शुक्रवार को नई शिक्षा नीति पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. डीपी सकलानी ने कहा कि नई शिक्षा नीती विश्व में भारत को अग्रणी स्थान दिलाने के साथ ही भारत के विश्व गुरु बनने का रास्ता भी अग्रसर करेगी। शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला में प्रो. सकलानी ने कहा कि आज जहां पूरे विश्व में नई शिक्षा नीति आरंभ होने से शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं, वहीं अब सभी राज्य के स्कूलों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों का कर्तव्य है कि इस शिक्षा नीति का अध्ययन कर इसके अनुरूप पाठ्यक्रमों को तैयार कर पाठ्य पुस्तकें बच्चों के लिए उपलब्ध कराए। नई शिक्षा नीती का लाभ नई पीढ़ी को तत्परता से देने का काम करें। शिक्षा के क्षेत्र में भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है। इसमें नई शिक्षा नीती की भूमिका अहम है। समय-समय पर इसमें बदलाव की भी आवश्यकता है। जिसके लिए एनसीईआरटी पूरे देश में सेमिनारों और कार्यशालाओं के आयोजन में विभिन्न विषय विशेषज्ञों की मदद से विचार-विमर्श के साथ सुझाव देकर नई शिक्षा नीती को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। नई शिक्षा नीती के आने वाले समय में असरदार प्रभाव होगा। कार्यशाला में परिसर के निदेशक प्रो. एए बौड़ाई ने प्रो. सकलानी को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कहा कि नई शिक्षा नीती में प्रो. सकलानी जैसे लोगों के मार्गदर्शन में काम तेजी से पूरे देश में किया जा रहा है। शिक्षा का नवाचार होना जरूरी है। जिसके लिए नई शिक्षा नीती में व्यापक संभावनायें हैं। कार्यशाला में प्रो. सुनीता गोदियाल, प्रो. डीएस कैंतुरा, डा. विशाल गुलरिया, प्रो. एनके अग्रवाल ने भी नई शिक्षा नीती पर अपनी बात रखी। इस मौके पर प्रो. जेएस जगवान, प्रो. बीना जोशी, प्रो. डीके शर्मा, प्रो. मनमोहन सिंह नेगी, डा. केसी पेटवाल, डा. यूएस नेगी, डा. हंसराज विष्ट, डा. हिमानी, डा. सुमन लता, डा. नवीर, डा. प्रेम बहादूर, छात्र संघ अध्यक्ष अंशुल भंडारी, महासचिव नम्रता मखलोगा आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)

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