बागेश्वर। जिले में इस वित्त वर्ष में स्वीकृत नई शराब की दुकानें अब नहीं खुलेंगी। जन विरोध के चलते सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। दुकानदार की तरफ से जमा धनराशि भी वापस होगी। साथ ही इससे जिले को होने वाले आर्थिक नुकसान की जानकारी भी आबकारी विभाग देगा। जिले में सात दुकानों का आवंटन हुआ है। मालूम हो कि गत दिनों जिले में सात नई शराब की दुकानें आवंटित हुई थी। इसमें दुग-नाकुरी, कपकोट, कांडा, गरुड़ क्षेत्र शामिल था। दुकान आवंटन की प्रक्रिया के बाद जिले में इसका विरोध शुरू हो गया था।कांग्रेस नेता तथा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने शराब की दुकानों का पुरजोर विरोध किया। क्षेत्र के लोग भी विरोध में खड़े होने लगे। विरोध बढ़तता देख कपकोट के विधायक सुरेश गड़िया ने भी लोगों की मांग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि जिले में नई दुकानें नहीं खोलने दी जाएगी। दूध व सब्जी बेचकर राजस्व की कमी दूर करेंगे। जन विरोध के चलते सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। बागेश्वर ही नहीं पूरे प्रदेश में नई शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी। इसे बंद करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल के हस्ताक्षर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि जहां देसी तथा विदेशी शरा की दुकानों का विरोध हुआ है, वहां दुकानें पूरी तरह बंद होंगी। अनुज्ञापी द्वारा जमा राशि भी वापस होगी। जन विरोध व अन्य माकरों से जनपद को आवंटित राजस्व में आई कमी की सूचना भी देने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश के बाद जिले की सात शराब की नई दुकानें नहीं खुलेंगी।