कोटद्वार-पौड़ी

रात-दिन चल रहा अवैध खनन, रोकने पर ग्रामीणों को दी जा रही धमकी

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-नदी किनारे बसे गांवों में बढ़ता जा रहा बाढ़ का खतरा
-नदी के तट पर ही अवैध भंडारण की कही जा रही बात
-रात के अंधेरे में डंपरों से ले जाया जा रहा दूसरे राज्यों को
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : खनन माफिया कोटद्वार में इस कदर हावी हो चला है कि अब इनके सामने पुलिस हो या फिर प्रशासन सब बौने नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि मालन, सुखरौ जैसी नदियों में रात-दिन खनन किया जा रहा है और अगर कोई ग्रामीण इनके खिलाफ आवाज उठाता है तो यह धमकी देने से भी बाज नहीं आते। जिस कारण अब ग्रामीण भी खुलकर इनका विरोध नहीं कर पा रहे हैं।
बात अगर सुखरौ नदी की करें तो यहां चौबीसों घंटे अवैध खनन से भरे ट्रैक्टर ट्रॉलियां और डंपर दौड़ते नजर आ सकते हैं। लेकिन इन पर कार्रवाई की बात की जाए तो सभी जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर आंखें मूंद रखी हैं। इसी का नतीजा है कि इन खनन माफिया के हौसले इतने बुलंद हो चले हैं कि अगर कोई इनके द्वारा किए जा रहे अवैध खनन का विरोध करता है तो यह माफिया धमकी देने से भी पीछे नहीं हटते। क्षेत्र के कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले उन्होंने इस अवैध खनन के खिलाफ बहुत आवाज उठाई, लेकिन न तो प्रशासन ने सुनी और न ही पुलिस ने। उल्टा यह खनन माफिया घर पर आकर ही धमकी देने लगे। ऐसे में अब इनके खिलाफ आवाज उठाने में डर लगने लगा है। सिम्मलचौड़ के पूर्व प्रधान ओम प्रकाश का कहना है कि सुखरौ नदी में रात-दिन तो अवैध खनन जारी है ही, लेकिन यह खनन माफिया बरसात के दौरान भी नदी से खनन करने में नहीं चूकते। प्रशासन भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। रात के अंधेरे में खनन माफिया इस अवैध खनन सामग्री को डंपरों की मदद से दूसरे राज्यों को ले जा रहा है और पुलिस भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
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करोड़ों के राजस्व के नुकसान के साथ आमजन की जान को खतरा
अवैध खनन से नुकसान की बात करें तो जहां एक ओर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। दरअसल, खनन माफिया ने नदियों का सीना इस कदर चीर दिया है कि अधिकांश क्षेत्रों में इन बरसाती नदियों का रुख आबादी क्षेत्र की ओर मुड़़ गया है। जिससे बरसात के समय नदी का जलस्तर बढ़ने पर आसपास के गांवों में बाढ़ खतरा पैदा हो जाता है। कई क्षेत्रों में तो लोगों के घरों में ही नदी का पानी घुस जाता है। हैरत की बात यह है कि कुछ असामाजिक तत्व आमजन के जीवन को इस तरह खतरे में डाल रहे हैं और जिम्मेदारों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।
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अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन ने नहीं उठाया कदम तो होगा आंदोलन
वार्ड नंबर 22 सिम्मलचौड़ के पार्षद गिंदी दास का कहना है कि सुखरौ नदी में रात-दिन अवैध खनन जारी है। कई बार खनन माफिया को रोका गया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है। नदी में बेतरतीब खनन के चलते बरसात के समय नदी का पानी लोगों के घरों में घुस जाता है, जिससे उन्हें काफी नुकसार झेलना पड़ता है। यदि प्रशासन ने जल्द ही इस अवैध खनन के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की तो क्षेत्र की जनता उग्र आंदोलन शुरू करेगी।

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