निजीकरण के खिलाफ बीमा कंपनियों ने की हड़ताल
रुद्रपुर। ऑल इंडिया जनरल एससी एसटी एवं जनरल इम्पाइज यूनियन ने बीमा कंपनियों का निजीकरण करने के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया। इस दौरान कार्मिकों ने हड़ताल का समर्थन कर कार्यालयों को बंद रखा। कहा केंद्र सरकार जान-बूझकर बीमा कंपनियों को पूंजीपतियों के हाथों बेचने की कोशिश कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगाह किया यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इधर, यूनियन ने वेतन विसंगति का मुद्दा उठाते हुए सरकार से वेतन बढ़ोतरी की मांग की। बुधवार को आंदोलित बीमा कंपनी के नेताओं ने कहा सत्ता पर आसीन होते ही केंद्र सरकार ने सरकारी-अर्द्धसरकारी विभागों का निजीकरण करने की साजिश रची है। इसकी वजह से पूरे देश-प्रदेशों में कार्मिक आंदोलन की राह पर निकल चुके है। कहा विगत दिनों बैकों के निजीकरण के विरोध के बाद बीमा कंपनियों का निजीकरण करने का निर्णय न्याय संगत नहीं है। इस वजह से जहां कार्मिकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। वहीं, आम लोगों को भी परेशानियों से जूझना पड़ सकता है। जबकि वर्तमान में बीमा कंपनियों ने पारदर्शी तरीके से लोगों के बीच अपना विश्वास कायम किया है। ऐसे में निजीकरण का फैसला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया ज्यादातर विभागों में सातवां वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है। जबकि बीमा कंपनियों के कार्मिक पुरानी वेतन प्रणाली के तहत कार्यरत हैं। यहां दि न्यू इंडिया लिमिटेड, ओरिएटल, यूनाइटेड और नेशनल बीमा कंपनी के राजकुमार, सुभाष चंद्र, एके पांडेय, एनबी जोशी, बृज आर्या, महिपाल, बुद्धिसिंह आदि रहे।