निजी अस्पताल में कोविड-19 रोगी की जांच आईसीएमआर की गाइडलाइन के आधार पर होगी
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल ने कहा कि निजी क्षेत्र के गैर कोविड-19 अस्पतालों में कोविड रोगी पाये जाने की दशा में संक्रमित रोगियों का उपचार कुछ शर्तों को पूर्ण किये जाने के उपरान्त ही किया जा सकता है। उन्होंने को-मोरीबड रोगी की कोविड-19 रोगी की जांच आईसीएमआर की गाइडलाइन के आधार पर की जायेगी, चिकित्सालय का नैदानिक स्थापना अधिनियम के निहित प्राविधानों के अन्तर्गत पंजीकरण होना चाहिए। कोविड-19 संक्रमण का उपचार भारत सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार किया जाएगा एवं समस्त कोविड-19 से ग्रसित रोगियों की सूचना जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी/नोडल जिला सर्विलांस अधिकारी को उपलब्ध कराना होगा।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सालय में कोविड-19 रोगियों को रखने की एक अलग वार्ड/ब्लॉक हो, जिसमें प्रवेश एवं निकासी द्वार अलग हो, चिकित्सालय सेवाएं जिसमें 24 घंटे चिकित्सक एवं पैरामेडिक स्टाफ तैनात हो एवं विशेषज्ञ चिकित्सक की ऑन कॉल सुविधा हो, चिकित्सालय में आईसीयू की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध हो, कार्मेसी की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध हो, आईसोलेशन वार्ड में प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा हो, बायोमेडिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के प्राविधानों का पालन चिकित्सालय में किया जा रहा हो व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राधिकार प्राप्त हो। इसके साथ ही समस्त मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टॉफ कोविड-19 से बचाव हेतु आईपीसी प्रोटोकॉल एवं वेस्ट मैनेजेमेंट प्रोटोकॉल में प्रेशिक्षित हो, कोविड-19 से बचाव हेतु सोशल डिस्टेंसिंग के साथ उपयुक्त लॉजिस्टिक तथा पीपीई किट, एन-95/ट्रिपल लेयर सर्जीकल मास्ट फैस शील्ड, सेनिटाइजर आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो, समर्पित कोविड-19 एम्बुलेंस की सुविधा हो। वहीं निजी क्षेत्र के गैर कोविड-19 चिकित्सालयों में भर्ती रोगियों को कोविड-19 जांच की पुन: आवश्यकता पड़ने पर आईसीएमआर कोविड-19 की जांच हेतु अधिकृत निजी पैथोलॉजी लैब को सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर जांच कराया जा सकेगा, मूल रोग का उपचार चिकित्सालय द्वारा अपनी निर्धारित दरों पर किया जा सकेगा एवं ऐसे मरीज जो कोविड-19 के संक्रमित होंगे उनके उपचार हेतु ली जाने वाली सभी सावधानियों एवं उपयोग में लाये जाने वाले सभी का वास्तविक एवं न्यूनतम खर्च ही अतिरिक्त रूप से लिया जाएगा।