बेंगलुरु, इजराइल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है. इजराइल ने 12 जून 2025 को ईरान के खिलाफ एक बड़ा सैन्य अभियान ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया. कर्नाटक के नौ छात्र तेहरान में फंसे हुए हैं. ये सभी शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.
तेहरान में फंसे छात्रों के कर्नाटक में उनके माता-पिता चिंतित हैं. एक छात्र नदीम हुसैन के माता-पिता ने बेंगलुरु में भारतीय प्रवासी समिति (एनआरआई फोरम) से मदद के लिए संपर्क किया. उन्होंने छात्रों को भारत वापस लाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की अपील की.
उनकी याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए एनआरआई फोरम की उपाध्यक्ष डॉ. आरती कृष्णा ने विदेश मंत्रालय (एमईए) को पत्र लिखकर छात्रों को निकालने के लिए तत्काल कार्यवाही करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि वह अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं. घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही हैं.
ईरान में आंशिक रूप से संचार व्यवस्था ठप हो गई है. इसे लेकर भी छात्रों के परिजनों ने चिंता जतायी है. रिपोर्ट बताती है कि रात के समय मोबाइल नेटवर्क बंद कर दिए जा रहे हैं, जिससे छात्रों और श्रमिकों सहित कई फंसे हुए भारतीय अपने परिवारों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी कि उन्होंने इज़रायल में कई कन्नड़ भाषी लोगों से बात की और उनकी सुरक्षा के बारे में जानकारी ली. जल्द से जल्द उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ सहयोग और समन्वय का आश्वासन दिया.
एक सार्वजनिक बयान में कुमारस्वामी ने भारतीय अधिकारियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत सरकार संकटग्रस्त देशों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई कर रही है. इजरायल में भारतीय अधिकारियों द्वारा किया गया सहयोग सराहनीय है.
बता दें कि ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष के कारण दोनों देशों में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. वहां फंसे भारतीयों के परिवार अब अपने प्रियजनों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए भारत सरकार के कूटनीतिक प्रयासों पर निर्भर हैं.