निर्धन व मजदूर वर्ग के बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में जुटी प्रेरणा रावत
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो न केवल मूलभूत अधिकारों से रुबरु करवाती है, बल्कि समाज में शान से जीने की राह भी दिखाती है। शिक्षा के इसी उजियारे को सरकार घर-घर पहुंचाने की कोशिश तो कर रही है लेकिन उसकी कोशिशें परवान नहीं चढ़ रही है, परन्तु इसी समाज में कुछ ऐसे भी लोग है जो सरकार की इन कोशिशों को नि:स्वार्थ भाव से पंख देने का काम कर रहे है। ऐसा ही कोटद्वार में शिवराजपुर निवासी प्रेरणा रावत के मन में निर्धन मजदूर वर्ग परिवारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का ख्याल आया कि इन बच्चों का भविष्य कैसे उज्जवल होगा, क्योंकि गरीब और मजदूर वर्ग अपने परिवार के भरण पोषण में ही लगे रहते है और शिक्षा की ओर उनका ध्यान नहीं जाता है। ऐसे वर्ग के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरणा रावत ने मुहिम शुरू की।
शिवराजपुर कोटद्वार निवासी प्रेरणा रावत गरीब और निर्धन परिवारों के बच्चों को शिक्षित कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का ऐसा काम कर रही है, उनके प्रयास की जितनी भी तारीफ करें वह कम ही है। अपने सीमित संसाधनों के बल पर प्रेरणा रावत ऐसे 50 से अधिक बच्चों को शिक्षित कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के काम में लगी है, जो झुगी झोपड़ियों और नदियों में काम करने वाले परिवारों से ताल्लुक रखते है। यह प्रेरणा रावत की मेहनत का ही फल है कि कल तक दिनभर इधर-उधर भटकने वाले बच्चें भी अपने सुनहरे कल का सपना बुनने लगे है। प्रेरणा रावत ने गरीब और निर्धन परिवारों के बच्चों को को शिक्षा से जोड़ने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ अपने घर पर ही तीन कमरों के सेट पर तीन वर्ष पूर्व प्रेरणा संस्था के नाम पर नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की शुरूआत की। स्कूल के आसपास के निर्धन परिवारों के बच्चे बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में परिपक्व हो रहे है।