वाम सम्मेलन से नीतीश-तेजस्वी ने किया विपक्षी एकता का शंखनाद, दोनों बोले- फैसला कांग्रेस के हाथ
पटना , एजेंसी। भाकपा माले के अधिवेशन में शनिवार को बिहार विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ देंकने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बार-बार अगला पीएम बताने वाली पार्टी जनता दल यूनाईटेड की हाजिरी ने विपक्षी एकता को बड़ी ताकत दी है। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के सामने मुख्यमंत्री नीतीश कुामर और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने विपक्षी एकता का शंखनाद किया। तेजस्वी यादव ने लाल सलाम के साथ साफ कह दिया कि मुद्दे से भटकाने और नफरत की खेती करने वाली भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सभी अपने-अपने तरीके से लड़ रहे हैं, लेकिन अब एक कमन रोडमैप तैयार करना होगा। क्षेत्रीय दल तैयार हैं। निर्णय अब कांग्रेस के हाथ में है।
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंच लूटते हुए कहा कि बिहार की धरती पर वामदल के अधिवेशन ने पूरे देश को उम्मीद दी है। बिहार की धरती से ही जवाब मिलेगा। पूरे देश में चुनी हुई सरकार को येन-केन-प्रकारेण भाजपा गिरा दे रही थी, लेकिन बिहार में हमने उसके साथ खेला कर दिया। बस, अंतर यही है कि हमने देशहित में यह किया। उन्होंने कहा कि हमें मोदी नहीं, मुद्दे की बात करनी है। बेरोजगारी, महंगाई, किसान-समस्या, गरीबी की बात करनी है। चीन से खतरे की बात करनी है, देश की आर्थिक स्थिति की बात करनी है। न कि हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद, गाय या कश्मीर की बात करनी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वामपंथी सम्मेलन के मंच से एक बार फिर दुहराया कि वह केवल बदलाव चाहते हैं, नेतृत्व को लेकर उनकी कोई इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव के लिए कांग्रेस को सिर्फ एक लक्ष्य पर साथ आना चाहिए कि केंद्र से नफरत वाली सरकार को उखाड़ देंकना है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में जिन लोगों ने अपना योगदान दिया उसको भी भुलाने के कोशिश की जा रही है। जिनको आजादी की लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं है वो नया-नया इतिहास पैदा कर रहे हैं। ऐसे में सभी जाति और धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा।