समाज सेवा के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं

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श्रीनगर गढ़वाल : गढ़वाल विवि में समाज सेवी मंगला देवी के जन्म उत्सव पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें समाज शास्त्र, समाज कार्य और मनोविज्ञान विभाग के शिक्षकों एवं शोध छात्रों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ समाज शास्त्र एवं समाज कार्य विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. किरन डंगवाल, मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. मंजू पाण्डेय ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. किरन डंगवाल ने कहा कि जीवन में संस्कारों का बड़ा महत्व है। ऐसा ही एक संस्कार है समाजसेवा का भाव। नि:स्वार्थ भाव से यथासंभव जरूरतमंद की मदद और समाजसेवा करना हमारे संस्कारों की पहचान कराता है। प्रो. मंजू पाण्डेय ने कहा कि अपने जन हित को कार्यों से आज मंगला देवी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। हर तरफ लोग उनके समाज कार्यों से लोग उन्हें पहचान रहे हैं। प्रो. जेपी भट्ट ने कहा कि समाजसेवा के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं रहती। जब किसी को भी समाज सेवा का अवसर मिलता हे उसे कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वेद ग्रंथों का सही मायने में अर्थ परोपकार एवं पुण्य के कार्यों में है। कार्यक्रम का संचालन शोध छात्र अंकित उछोली ने किया। इस अवसर पर कार्तिकेय बहुगुणा, डा. नीतिन बिष्ट, डा. ऋतु मिश्रा आदि मौजूद थे। (एजेंसी)

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