उत्तर रेलवे सुरक्षित, सुगम और बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध : चौधुरी
जयन्त प्रतिनिधि।
दिल्ली : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी ने उत्तर रेलवे के विभागाध्यक्षों और पांचों मंडलों के मंडल रेल प्रबंधकों के साथ एक कार्य निष्पादन समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में संरक्षा, समय पालनबद्धता, गति सीमा में वृद्धि, दिव्यांगजन के लिए शौचालय और मिशन रफ्तार तथा कवच जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई। शोभन चौधुरी ने आवधिक निरीक्षणों और रात्रिकालीन गश्तों पर भी बल दिया। हर स्तर पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, ताकि लोग नवीनतम तकनीको से लाभांवित हो सकें। उन्होंने कहा कि निर्माण परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विभागाध्यक्षें से कार्य को निर्धारित अवधि के भीतर शीघ्रता से पूरा करने के लिए कहा। कहा कि उत्तर रेलवे अपने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित, सुगम और बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
महाप्रबंधक ने रेलपथों को बेहतर बनाए रखने तथा रेल पटरियों की दरारों व ज्वाइंटो की वैल्डिंग पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया। रेलपथों के आसपास उग आई वनस्पतियों और वृक्षों की शाखाओं की छंटाई करने भी बल दिया। रेल फाटकों पर संरक्षा भारतीय रेलवे की प्राथमिकता रही है। महाप्रबंधक को समपारों की इंटरलॉकिंग और समचे उत्तर रेलवे पर यांत्रिक इंटरलॉकिंग को हटाने की स्थिति से अवगत कराया गया। गतिशीलता में वृद्धि के क्षेत्र में नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुम्बई रेलमार्गों पर रेलगाड़ियों को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के अनुकूल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तर रेलवे के अंतर्गत आने वाले सैक्शनों में रेल पथ, बिजली, सिग्नल प्रणाली में बदलाव किए जा रहे हैं। श्री चौधुरी ने मंडलों पर रेलगाड़ियों की समयपालनबद्धता पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने विलम्ब के कारणों से निपटने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने चल स्टॉक परिसम्पतियों के गुणवत्तापूर्ण अनुरक्षण पर बल दिया। उन्होेंने कहा कि रेलवे उपनी एलएचबी रेलगाड़ियों को एण्ड झ्रऑन जनरेशन से हैड ऑन जनरेशन में बदलने का कार्य कर रही है, ताकि रैंको में लगने वाले जनरेटर कार को हटाया जा सके। इससे अप्रैल-मार्च 22-23 की अवधि के दौरान 292.95 करोड़ रूपये मूल्य के 2.68 करोड़ लीटर एचएसडी की बचत हुई है।