21 नहीं 26-30 को शादी के लिए आदर्श उम्र मानते हैं 67 फीसदी युवा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लड़कियों के शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रावधान वाले बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021 को लोकसभा में पेश किया। विधेयक पेश करते हुए महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा श्एक लोकतंत्र में, महिलाओं और पुरुषों को विवाह का समान अधिकार देने में हमने 75 साल की देरी की है। इस संशोधन के जरिए पहली बार लड़के और लड़कियां दोनों ही 21 साल की आयु में समानता के अधिकार को ध्यान में रखते हुए अपने विवाह को लेकर निर्णय ले पाएंगे। विपक्ष ने सरकार पर जल्दबाजी में विधेयक पेश करने का आरोप लगाया है।
लड़कियों की शादी की उम्र जांच करने के लिए बने टास्क फोर्स ने लड़कियों की उम्र बढ़ाने की सिफारिश की थी। इस टास्क फोर्स का गठन जया जेटली के नेतृत्व में सरकार ने पिछले साल जून में की थी। इस टास्क फोर्स में 10 सदस्य थे। इस पैनल ने लड़कियों की शादी की उम्र तय करने के लिए 16 विश्वविद्यालयों के युवाओं की राय ली। टास्क फोर्स ने अपनी सिफारिश में कहा कि यदि लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल कर दी जाए तो इससे परिवारों, महिलाओं और बच्चों पर हर तरह से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
टास्क फोर्स ने दूर-दराज के क्षेत्रों और हाशिए के समुदायों में युवा वयस्कों तक पहुंचने के लिए 15 से अधिक एनजीओ की सहायता ली। सभी धर्मों के युवाओं के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से समान रूप से फीडबैक लिया गया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर, जो पैनल की सदस्य हैं, उन्होंने 16 विश्वविद्यालयों के छात्रों के बीच एक विस्तृत प्रश्नावली बांटी थी। लगभग 2,300 छात्र सर्वेक्षण का हिस्सा थे, जिनमें से 52 फीसदी छात्राएं थीं। टास्क फोर्स की अध्यक्ष जया जेटली का मानना है कि यह प्रस्ताव लड़कियों की बेहतरी के लिए है और इसका मकसद राजनीतिक फायदा उठाने या धार्मिक ममलों में दखले देना कतई नहीं है।
सर्वे में शामिल लगभग 67 फीसदी युवाओं ने कहा शादी के लिए 26 से 30 साल को शादी के लिए आदर्श उम्र है। छात्रों से शादी का उचित समय पूछा गया कि वे कब शादी करना चाहेंगे। स्टडी में पाया गया कि 67 फीसदी युवा 26 से 30 साल की उम्र के बीच शादी करना चाहते थे। उसके बाद 20 फीसदी 21 और 25 साल के बीच शादी करना चाहते हैं और 12 फीसदी ऐसे थे जो 30 साल के बाद शादी के इच्टुक हैं।