बरेली , उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसक झड़पों और पथराव के मामले में योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी माने जा रहे आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार तड़के हुई इस कार्रवाई के बाद मौलाना को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें बरेली से सीतापुर जेल स्थानांतरित किया जा रहा है।
शुक्रवार को दिनभर चले बवाल के बाद पुलिस ने देर रात कार्रवाई तेज कर दी थी। शनिवार सुबह करीब पांच बजे पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को हिरासत में लेकर उनका मेडिकल परीक्षण कराया और इसके ठीक एक घंटे बाद सुबह छह बजे उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस हिंसा के दौरान हुए पथराव में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस ने मौलाना के सात अन्य समर्थकों को भी गिरफ्तार किया है।
बरेली में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात और शनिवार सुबह आला अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने उपद्रवियों से सख्ती से निपटने का आदेश देते हुए कहा, एक भी उपद्रवी बख्शा नहीं जाएगा। ऐसी कार्रवाई होगी कि अराजकता फैलाने वाले दोबारा सोचेंगे भी नहीं।
सीएम योगी ने दो टूक शब्दों में कहा, दशहरा बुराई और आतंक के दहन का पर्व है। उपद्रवियों पर ऐसी कार्रवाई हो कि वे दोबारा कभी इस गलती की सोच भी न सकें। यही सही समय है, उपद्रवियों पर निर्णायक कार्रवाई की जाए।
बताया जा रहा है कि कानपुर के एक मामले को लेकर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कोतवाली के खलील तिराहे से बवाल शुरू हुआ। देखते ही देखते शहर के कई इलाकों में भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
मौलाना तौकीर रजा का नाम विवादों में पहली बार नहीं आया है। वह 2010 में बरेली में हुए भीषण दंगे के भी आरोपी हैं, हालांकि यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है। हाल ही में ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर भी उन्होंने जेल भरो आंदोलन की घोषणा कर विवादित बयानबाजी की थी।