हरिद्वार। धर्मनगरी में रविवार को सुबह भागीरथी बिंदु से गंगा की धारा रुकने के बाद उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर स्नान करने पहुंचे लोग मायूस हो गए। जल विहीन होने के बाद लोग घाटों गंगा में डुबकी लगाने से वंचित रहे। साथ ही खड़खड़ी श्मशान घाट पर दाह संस्कार करने पहुंचे परिजनों को भी गंगा में जल नहीं मिलने से दिक्कतें उठानी पड़ीं। जहां तीन फिट से अधिक जल रहता था, वहां पर एक फिट से कम जल रविवार को नजर आया। रविवार को सुबह के समय गंगा का जल स्तर घटने के कारण भागीरथी बिंदु से गंगा में जल का प्रवाह बंद हो गया। इस कारण उत्तरी हरिद्वार के कई घाटों पर लोगों को आचमन करने लायक जल नहीं मिल सका। श्मशान घाट पर स्थानीय लोगों और बाहर से आने वाले यात्रियों को अपने परिजनों का दाह संस्कार करने में परेशानी हुई। यहां रोजाना करीब 40 शवों का दाह संस्कार किया जाता है। हरिद्वार, देहरादून और गढ़वाल के कई क्षेत्रों के लोग अपने परिजनों की मृत्यु के बाद उनके मोक्ष की कामना लेकर दाह संस्कार करने यहां आते हैं। दाह संस्कार करने से पहले शव को गंगा स्नान कराया जाता है। दाह संस्कार के बाद लोग गंगा स्नान करते हैं, लेकिन घाट पर गंगा में जल उपलब्ध नहीं होने के कारण दोपहर तक दाह संस्कार कर्म करने में दिक्कतें हुई। गंगा में जल नहीं होने के कारण आसपास के अन्य गंगा घाट भी सूने पड़े नजर आए। अन्य धार्मिक अनुष्ठाओं करने के लिए लोगों को चंडीघाट, कुशाघाट और मध्य हरिद्वार के अन्य घाटों पर पहुंचना पड़ा। बैराज के जेई हरीश कुमार ने बताया कि पहाड़ों पर बारिश कम हुई है। इस कारण बढ़ती गर्मी के बीच गंगा में पानी का लेवल कम हो रहा है। ऊपरी क्षेत्रों से बैराज पर पानी भी कम मात्रा में पहुंच रहा है। भीमगोड़ा बैराज पर करीब 80 सेंटीमीटर पानी का लेवल घटा हुआ था। सामान्य दिनों में बैराज पर 290.80 सेंटीमीटर गंगा में पानी का लेवल राहत है। बैराज पर गंगा का लेवल 290 मीटर पर रहा। इस कारण सुबह के समय भागीरथी बिंदु गंगा में जल का प्रवाह बाधित हो गया था। इधर अधिशासी अभियंता गंगनहर विकास त्यागी ने बताया कि सुबह के समय गंगा में पानी का लेवल कम होने के कारण भागीरथी बिंदु से जल का प्रवाह रुकने की दिक्कत बन गई थी। पानी के लेवल को संतुलित करने के बाद लोगों को घाटों पर जल उपलब्ध कराया जा रहा है।
व्यापार मंडल ने जताया रोष: महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जलधारा पुनः सुचारु करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो संगठन को उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। सेठी ने बताया कि करीब दो महीने पहले भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी। तब आंदोलन के बाद जिला प्रशासन के हस्तक्षेप पर जल प्रवाह बहाल हुआ था, लेकिन अब फिर वही हालात बन गए हैं। यह न केवल धार्मिक आस्थाओं का अपमान है, बल्कि गंगा स्वच्छता मिशन की भावना के भी खिलाफ है। इसके अतिरिक्त यह भी बताया गया कि श्मशान घाटों पर भी जल आपूर्ति प्रभावित हो रही है, जिससे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है। नाराजगी जताने वालों में अनिल कोरी, महेश कालोनी, राजू जोशी, अमित भट्ट, एस.एन. तिवारी, राकेश सिंह, रवि बांगा, भूदेव शर्मा, सचिन अग्रवाल, सुनील मनोचा और सोनू चौधरी आदि शामिल हैं, जिन्होंने सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।