जातिवाद के वार से भी नहीं रुका वंदना की स्टिक का प्रहार, रचा इतिहास, दागे सबसे अधिक गोल

Spread the love

हरिद्वार । टोक्यो ओलंपिक में खेलने के लिए जब वंदना कटारिया हकी के मैदान में उतरीं तो दिल में पिता के निधन का गम था। इसके बाद भी हरिद्वार की बेटी ने अपनी स्टिक से ऐसा प्रहार किया कि हैट्रिक गोल मारकर इतिहास में नाम दर्ज करा दिया।
वंदना ने न सिर्फ व्यक्तिगत इतिहास रचा बल्कि अपनी टीम को भी क्वार्टर फाइनल में पहुंचाया। क्वार्टर फाइनल में अस्ट्रेलिया की टीम को हराकर सेमिफाइनल में जगह बनाई। इसी बीच शर्मनाक घटना सामने आई। कुछ लोगों ने भारतीय टीम के सेमिफाइनल में हारने पर उनके घर के बाहर पटाखे फोड़े और जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित किया। इसके बाद भी वंदना विचलित नहीं हुईं और वह सबसे ज्यादा गोल करने वाली खिलाड़ियों में शामिल हो गईं।
हरिद्वार जिले के रोशनाबाद गांव की रहने वाली महिला ओलंपियन वंदना कटारिया के पिता नाहर सिंह का 30 मई को निधन हो गया था। उस वक्त वंदना ओलंपिक के लिए बंगलूरू में चल रहे र्केप में तैयारी कर रही थीं। वह अंतिम समय में पिता के दर्शन के लिए गांव भी नहीं आ पाई थीं।
र्केप में जाने से पहले उन्होंने पिता को विश्वास दिलाया था कि वह ओलंपिक से पदक लेकर लौटेंगी। इसी लक्ष्य के साथ वंदना कटारिया ने पूल मैच में गोल की हैट्रिक लगाकर भारतीय टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचा दिया था। इसके बाद अर्जेंटीना के साथ हुए सेमीफाइनल में टीम के हारने पर वंदना कटारिया और उनके परिवार को अपने गांव जातिसूचक शब्दों को सहन करना पड़ा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *