भारत में नहीं मिला कोरोना के नए वैरिएंट का मामला, दक्षिण अफ्रीका में सी़1़2 बेहद संक्रामक, टीका भी बेअसर
नई दिल्ली, एजेंसी। दक्षिण अफ्रीका में मिले और अन्य कई देशों तक फैले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट सी़1़2 के खतरे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि देश में अभी इस वैरिएंट का कोई मामला नहीं पाया गया है। इस वैरिएंट को बहुत ही संक्रामक बताया जा रहा है और टीके से पैदा प्रतिरक्षा तंत्र को भी यह चकमा दे रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि देश में वायरस के ब्रेकथ्रू संक्रमण के मामले भी अपेक्षित संख्या के भीतर ही हैं।
राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (एनआइसीडी) के मुताबिक सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में इस साल मई में इस संभावित वैरिएंट आफ इंटरेस्ट (सी़1़2) का पता चला था। सरकार ने कहा कि भारत में अभी तक सी़1़2 वैरिएंट का कोई मामला नहीं मिला है। संबंधित संस्थानों और विभागों को इस संबंध में सतर्क कर दिया गया है और इस पर नजर रखी जा रही है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दुनिया भर में अभी तक इसके 100 मामले मिले हैं। चीन, कांगो, मारीशस, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल और स्विटजरलैंड में इसके मामले पाए गए हैं।
इस बीच, कोरोना संक्रमण के वैरिएंट का पता लगाने के लिए देश में बनाए गए 28 प्रयोगशालाओं के संगठन इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (इंसाकाग) ने कहा है कि ब्रेकथ्रू संक्रमण के मामले अपेक्षित संख्या के भीतर ही हैं। टीकाकरण के बाद भी जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है तो उसे ब्रेकथ्रू संक्रमण का मामला कहते हैं।
इंसाकाग ने कहा कि देश में डेल्टा वैरिएंट और उससे पैदा हुए अन्य वैरिएंट के कुल 856 मामले पाए गए हैं। इजरायल में पाए गए एवाई़12 के मामले भी देश में नहीं मिले हैं। संगठन का कहना है कि इन सभी वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कारगर है और बीमारी को गंभीर होने से बचाती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना संक्रमण के 41965 नए मामले मिले हैं और 460 मौतें हुई हैं। इस दौरान सक्रिय मामलों में भी साढ़े सात हजार से ज्यादा की वृद्घि हुई है और वर्तमान में सक्रिय मामले 3,78,181 हो गए हैं जो कुल मामलों का 1़15 फीसद है। दैनिक संक्रमण दर एक बार फिर तीन फीसद के नीचे आ गई है और साप्ताहिक संक्रमण दर भी पिछले 66 दिनों से तीन फीसद से नीचे ही बनी हुई है।