देहरादून)। एसटीएफ के अधीन साइबर अपराध थाना देहरादून पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट पर बड़ी कार्रवाई की। उत्तराखंड के दो लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर 87 लाख रुपये की ठगी में शामिल आरोपी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया। रकम जमा करने के लिए जिस महिला के बैंक खातों का उपयोग हुआ, उसे नोटिस तामिल कराया गया। इनके बैंक खातों में नौ करोड़ के लेनदेन का पता लगा। इनके खिलाफ देशभर में कुल 24 शिकायतें दर्ज हैं। एसटीएफ के आईजी नीलेश आनंद भरणे, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर और एएसपी कुश मिश्रा ने गुरुवार दोपहर प्रेसवार्ता कर मामले में जानकारी दी। बताया कि बीते सितंबर में दून निवासी पीड़ित का केस दर्ज किया गया। पीड़ित को अगस्त-सितंबर में वीडियो कॉल पर डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाया गया। आरोपियों ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम और सीबीआई अधिकारी बताकर पीड़ित की आईडी पर मोबाइल नंबर के दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी मामले में फंसाने का डर दिखाया। उनसे सत्यापन के नाम पर 59 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवाए गए। इसी तरह कुमाऊं के साइबर अपराध थाने में एक व्यक्ति से 28 लाख रुपेय साइबर ठगी का केस दर्ज किया गया। दोनों मामलों में जांच की गई। साइबर क्राइम पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण के आधार पर किरण कुमार (31 वर्ष) को बेंगलुरु के येलहंका से नौ नवंबर को गिरफ्तार किया। उसे छह दिन की ट्रांजिट रिमांड पर दून लाया गया। किरण के पास से अपराध में प्रयुक्त मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, चेकबुक और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए। जांच में पता चला कि किरण के बैंक खाते में 41 लाख रुपये देहरादून के पीड़ित से ट्रांसफर किए गए थे। इसके अलावा राजेश्वरी रानी नाम की एक महिला को तमिलनाडु में नोटिस जारी किया गया है। यह बेंगलुरु की रहने वाली है। इस महिला के नाम पर बनी फर्म साइबर ठगी की रकम जमा हुई।