अब उत्तराखंड में नहीं होगा पावर कट
देहरादून। राज्य के पवर प्रोजेक्ट और केंद्र से मिलने वाली बिजली मांग के करीब पहुंच गई है। मंगलवार के लिए राज्य की बिजली की मांग 46़13 एमयू रही। यूजेवीएनएल और केंद्र से कुल 43़01 एमयू बिजली उपलब्ध हो पाई। बाजार से सिर्फ 3़12 एमयू ही बिजली खरीदनी पड़ी। वो भी 12 रुपये प्रति यूनिट की बजाय साढ़े पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से आसानी से उपलब्ध हुई।
बिजली का उत्पादन बढ़ने और बाजार में बिजली के दाम कम होने से ऊर्जा निगम मैनेजमेंट ने राहत की सांस ली। अभी तक बिजली की मांग और उपलब्धता में 17 मिलियन यूनिट से भी अधिक का अंतर आ रहा था। अब ये अंतर तीन से चार एमयू के बीच जाकर सिमट गया है। जल विद्युत निगम के पवर प्लांट से भी अब 21़48 एमयू बिजली मिलनी शुरू हो गई है। जो पहले 14 एमयू तक ही सीमित थी। केंद्र से भी अब 21़53 एमयू बिजली मिल रही है। जो पहले 15 एमयू तक ही मिल रही थी। इन दोनों माध्यमों से बिजली की उपलब्धता बढ़ने से यूपीसीएल का मैनेजमेंट सुधर गया है। अब उसे बाजार की महंगी बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है। पहले जहां हर दिन के लिए यूपीसीएल को बाजार से 15 करोड़ की बिजली अतिरिक्त रूप से खरीदनी पड़ रही थी।
अब सिर्फ दो से तीन करोड़ की ही बिजली अतिरिक्त रूप से बाजार से खरीदनी पड़ रही है। एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने बताया कि यूपीसीएल हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। पूरी कोशिश यही है कि आम जनता को पर्याप्त रूप से बिजली उपलब्ध होती रहे।