एनएसएस स्वयं सेवी चार सालों से प्रमाण पत्र से वंचित
श्रीनगर गढ़वाल : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के एनएसएस प्रकोष्ठ सहित प्रदेश के 11 प्रकोष्ठों के हजारों एनएसएस स्वयंसेवी तीन सालों से कोरोना काल के दौरान उपजी समस्या के चलते बी एवं सी प्रमाण पत्रों से वंचित हैं। शासन स्तर से बरती गई सुस्ती का खामियाजा इन छात्रों को झेलना पड़ रहा है। जिससे छात्रों में भारी नाराजगी है।
एनएसएस स्वयं सेवी छात्रों को ए प्रमाण पत्र शिविरों व कॉलेज स्तर पर होने वाले एनएसएस कार्यों के आधार पर प्रदान किए जाते हैं। जबकि बी एवं सी प्रमाण पत्र के लिए स्वयंसेवियों को परीक्षा देनी पड़ती है। कोरोना के दौरान यह परीक्षा न होने व उसके बाद भी परीक्षा को लेकर स्पष्ट मानदंड निर्धारित न होने के कारण अभी तक स्वयं सेवी छात्र इन प्रमाण पत्रों के लिए भटक रहे हैं। जबकि इन प्रमाण पत्रों का लाभ छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं सहित नौकरियों में मिलता है। स्वयं सेवियों का कहना है कि शासन के आदेशानुसार कोविड के दौरान किए गए कामों के आधार पर उन्हें यह प्रमाण पत्र दिए जाने थे। लेकिन 2019 से लेकर 2022 तक के हजारों स्वयंसेवी प्रमाण पत्रों से वंचित हैं। कोरोना काला में स्वयं सेवियों ने ग्राम स्तर से लेकर महानगरों में लोगों को नि:स्वार्थ भाव से हर संभव सहायता देने का प्रयास किया। जिसमें कि लोगों तक राशन पहुंचना, जागरूकता अभियान, मास्क व सेनेटाइजर बैंक बनाकर जनमानस तक इनका वितरण, कोरोना वॉरियर्स की सहायता और भी अन्य प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कार्य किया। लेकिन प्रमाण पत्र देने में शासन की उदासीनता के चलते स्वयंसेवी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। (एजेंसी)