एनएसयूआई ने की समर्थ पोर्टल बंद करने की मांग, धरना
देहरादून। एनएसयूआई ने कालेजों में दाखिलों के लिए शुरू किए गए समर्थ पोर्टल को बंद करने की मांग की है। मंगलवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय में प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भी दिया। साथ ही इसे गलत बताते हुए सरकार के खिलाफ वहां कुछ देर धरना भी दिया।
सुबह कई कार्यकर्ता व छात्र प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी के नेतृत्व में डीएम आफिस पहुंचे। जहां उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत समर्थ पोर्टल से रजिस्ट्रेशन के लिए पचास रुपए आवेदन शुल्क लिए जाने का विरोध करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद वे वहीं धरने पर बैठ गए। बाद में अपर सिटी मजिस्ट्रेट ने आकर उनका ज्ञापन लिया। जिसमें उन्होंने पोर्टल इस सत्र के लिए बंद कराने की मांग की। कहा कि पंजीकरण से छात्रों की निजी जानकारी एकत्रित की जा रही है। पंजीकरण के बाद प्रवेश के लिए किसी भी प्रकार की परीक्षा नहीं होनी है, फिर भी फीस ली जा रही है। छात्रों को पंजीकरण करवाने के लिए 250 रुपये तक साइबर कैफे में देने पड़ रहे हैं। बावजूद इसके पंजीकरण का छात्रों को कोई लाभ नहीं मिलेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस पोर्टल में महाविद्यालय चयन के समय सम्बन्धित कोर्स की फीस की कोई जानकारी नहीं दी गई है। किसी भी छात्र को प्राइवेट शिक्षण संस्थान एवं सरकारी शिक्षण संस्थान में फीस का अन्तर मालूम नहीं होगा। जिससे कि वह भविष्य में प्रवेश लेने से वंचित रह सकता है। विकास नेगी के अनुसार राज्य के दुर्गम एवं अति दुर्गम स्थानों में नेटवर्क की हमेशा समस्या बनी रहती है, ऐसी स्थिति में इन पर्वतीय क्षेत्रों के छात्रों को आनलाइन पंजीकरण में दिक्कत आएगी। उन्होंने कहा कि जब ये पोर्टल राजकीय विश्वविद्यालयों में लागू होगा तो प्राइवेट विवि में समान शिक्षा की बात कैसे कही जा सकती है। प्रदर्शन में पवन, सूरज नेगी, प्रदीप तोमर, अभय र्केतूरा और अंजली चमोली सहित कई छात्र मौजूद थे।