नई दिल्ली। ईरान द्वारा जब्त किए गए इस्राइल से जुड़े मालवाहक जहाज पर सवार 11 में से पांच भारतीय नाविकों को रिहा कर दिया गया है।ईरान ने 13 अप्रैल को जब्त किए मालवाहक जहाज एमएससी एरीज पर सवार पांच भारतीयों को गुरुवार को रिहा कर दिया है। ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने बताया है कि ये सभी लोग भारत के लिए रवाना हो गए हैं। भारतीय दूतावास ने उनकी रिहाई का विवरण साझा करते हुए बंदर-अब्बास में दूतावास और भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ घनिष्ठ समन्वय के लिए ईरान के अधिकारियों को धन्यवाद दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट किया, “एमएससी एरीज पर सवार पांच भारतीय नाविकों को आज शाम रिहा कर दिया गया और वे ईरान से रवाना हो गए हैं। हम बंदर-अब्बास में दूतावास और भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ घनिष्ठ समन्वय के लिए ईरानी अधिकारियों की सराहना करते हैं” 13 अप्रैल को जब्त हुआ था जहाज एमएससी एरीज इस्राएल से संबंधित जहाज है।
रिपोर्टों के मुताबिक इस जहाज का मालिक एक इस्राएली कारोबारी है। इस जहाज को ईरान ने 13 अप्रैल को जब्त कर लिया था। उस समय इस पर 17 भारतीय नाविक सवार थे। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स नेवी ने होर्मुज स्ट्रेट के पास कंटेनर जहाज को जब्त किया था। एमएससी एरीज को आखिरी बार 12 अप्रैल को दुबई के तट से दूर होर्मुज स्ट्रेट की ओर जाते हुए देखा गया था।
इससे पहले 18 अप्रैल को एक भारतीय महिला नाविक को रिहा किया गया था। एन टेना जोसेफ केरल की रहने वाली हैं। जोसेफ की रिहाई के बाद भारत सरकार ने कहा था कि वह जहाज पर बाकी बचे चालक दल के सदस्यों से संपर्क में हैं। सरकार ने उस समय कहा था कि इन लोगों की वापसी के लिए बातचीत की जा रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 25 अप्रैल को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था, “वहां मौजूद एक महिला वापस आ गई है। हमने इन 16 लोगों के लिए कांसुलर एक्सेस मांगा था और हमें वह मिल गया और हमारे अधिकारी उनसे मिले।उनका स्वास्थ्य अच्छा है और जहाज पर किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है” उन्होंने कहा था कि अनुबंध संबंधी दायित्व पूरा होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। भारत में ईरानी राजदूत इराज इलाही ने भी कहा है कि एमएससी एरीज के चालक दल के भारतीय नागरिकों को हिरासत में नहीं लिया गया है और वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं। मालवाहक जहाज को जब्त किए जाने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर अब्दुल्लाह्यान से बात की थी, जिसमें 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई का मुद्दा उठाया गया था। जहाज जब्त क्यों हुआ पुर्तगाल के झंडे वाले इस जहाज और चालक दल के सदस्यों की रिहाई के संबंध में एस्टोनियाई पक्ष के अनुरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्लाह्यान ने कहा, “जहाज, जिसने ईरान के क्षेत्रीय जल में अपने रेडार को बंद कर दिया और नेविगेशन की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था, उसे न्यायिक नियमों के तहत जब्त किया गया था” इसके अलावा ईरानी और एस्टोनियाई अधिकारियों के बीच टेलीफोन पर चर्चा के दौरान, ईरान ने कहा कि उसने “पहले ही जहाज के सभी चालक दल के सदस्यों को मानवीय आधार पर रिहा कर दिया है और अगर जहाज के कप्तान उनके साथ जाते हैं, तो एस्टोनियाई समेत सभी चालक दल अपने देश लौट सकते हैं” इस्राएल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच ईरान और पश्चिम के बीच तनाव चरम पर है।।