काशीरामपुर तल्ला खोह नदी के तट पर बननी है नंदीशाला
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : शहर में लगातार बढ़ रही निराश्रित गोवंशों की संख्या आमजन के लिए मुसीबत बनती जा रही है। लेकिन, सरकारी सिस्टम इस समस्या को लेकर लापरवाह बना हुआ है। हालत यह है कि काशीरामपुर तल्ला खोह नदी के तट पर प्रस्तावित नंदीशाला निर्माण का भी कार्य पिछले कई माह से अधर में लटका हुआ है। ऐसे में यातायात के साथ ही राहगीरों के लिए चुनौती बन रहे निराश्रित गोवंशों से कब निजात मिलेगी यह बड़ा सवाल बना हुआ है।
शहर में शायद ही कोई ऐसी सड़क होगी जहां आपकों निराश्रित गोवंशों का झुंड बैठा हुआ नजर न आए। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही मुख्य मार्गों पर घूमते यह गोवंश जहां यातायात में बाधा बन रहे हैं। वहीं, राहगीरों पर हमला कर उन्हें चोटिल भी कर रहे हैं। कुछ सप्ताह पूर्व काशीरामपुर निवासी एक व्यक्ति पर गोवंश ने हमला कर दिया था। हमले में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वहीं, झंडाचौक के समीप गोवंश एक दुकान के भीतर घुस गया था। दुकान में बैठे व्यापारी ने भागकर अपनी जान बचाई। कई बार निराश्रित गोवंश सड़क पर ही लड़ने लगता हैं। ऐसे में सबसे अधिक खतरा बुजुर्ग व स्कूली बच्चों को बना रहता है। लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं के बाद भी सरकारी सिस्टम निराश्रित गोवंश के संरक्षण को लेकर लापरवाह बना हुआ है। कुछ माह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक निधि से काशीरामपुर तल्ला में नंदीशाला बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए बकायदा उन्होंने बीस लाख रुपये की धनराशि भी स्वीकृत की। लेकिन, पिछले छ: माह से नंदीशाला निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है। जबकि, स्थानीय जनता लगातार निराश्रित गोवंश से निजात की मांग उठा रही है।
फसल कर रहे चट
सड़क पर घूम रहे निराश्रित गोवंश आमजन के साथ ही काश्तकारों के लिए भी मुसीबत बनते जा रहे हैं। दिन भर गलियों व सड़कों पर घूमने वाले गोवंश रात के अंधरे में काश्तकारों के खेतों में घुसकर उनकी फसल चट कर जाते हैं। ऐसे में काश्तकारों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है।