मनपसंद नंबर की चाह में बिना नंबर सड़क उतर रही गाड़ियां

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देहरादून। ऑनलाइन सिस्टम खामी, परिवहन विभाग और वाहन डीलरों की लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है। मनपसंद नंबर चाहत में लोग बिना नंबर के वाहनों को सड़क पर उतार रहे हैं। बावजूद परिवहन और पुलिस की ओर से ऐसे वाहनों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। उत्तराखंड में ऑनलाइन सिस्टम में खामियों के चलते दलाल वाहन नंबरों की नई सीरीज खुलते ही वीआईपी और ऐसे नंबर जिनकी ज्यादा डिमांड होती है, उन पर सेंधमारी कर रहे हैं। ऐसे नंबरों को बिना फीस भुगतान किए 24 से 48 घंटे तक होल्ड कर दे रहे हैं। इस अवधि में वह नंबरों की सौदेबाजी कर उनको महंगें दामों पर बेच रहे हैं। ऐसे में जो लोग नये वाहन खरीद रहे हैं, उनको उनकी पसंद का नंबर नहीं मिल पा रहा है तो बिना नंबर के वाहनों को सड़क पर उतार रहे हैं और अगली सीरीज खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
पेनाल्टी चुकाकर नंबर का इंतजार : नियमानुसार नया वाहन खरीदने के तीन दिन में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है, इसके बाद रोजाना 100 रुपये पेनाल्टी लगती है। दून में कई वाहन स्वामी ऐसे हैं, जो मनपसंद नंबर की चाह में एक महीने तक वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे हैं। वाहन डीलर बिना नंबर के वाहन सौंप दे रहे हैं, जिससे डीलरों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
बिना नंबर कार्रवाई हो भी तो कैसे: बिना नंबर प्लेट के सड़क पर दौड़ रहे वाहन खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसे वाहन यदि नियम तोड़ते हैं तो ऑनलाइन कैमरों की मदद से चालान करना मुश्किल हो जाता है। यदि बिना नंबर वाहन कोई हादसा कर देता है, उसे पकड़ना संभव नहीं हैं।

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