ओडिशा ट्रेन हादसा, सिग्नल इंजीनियर के फरार होने की खबर, सीबीआई ने पूछताछ की थी, रेलवे बोला- कोई नहीं भागा, हमारा पूरा स्टाफ मौजूद
बालासोर, एजेंसी। बालासोर ट्रिपल ट्रेन हादसे की जांच कर रही सीबीआई ने एक जूनियर इंजीनियर से हाल ही में पूछताछ की थी। कुछ मीडिया रिपोट्र्स में इस बात का दावा किया गया है कि जूनियर इंजीनियर पूछताछ के बाद से फरार है। दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने इन रिपोट्र्स को गलत बताया है। चौधरी ने मंगलवार को कहा- हमारा पूरा स्टाफ मौजूद है और जांच में सहयोग कर रहा है।
2 जून को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसा हुआ था। इसमें चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गई थीं। हादसे में 292 लोगों की मौत हो चुकी है। मामले की जांच उइक कर रही है।
ओडिशा ट्रिपल ट्रेन हादसे को लेकर बालासोर स्थित जीपीआरएस में 3 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में रेल मंत्री ने घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। केंद्र सरकार की सहमति के बाद सीबीआई ने केस अपने हाथ में ले लिया था।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार शाम बहनागा बाजार पहुंचे। वैष्णव ने बताया- मैं यहां के लोगों से मिल रहा हूं। हादसे के दिन उनके सहयोग के लिए धन्यवाद करने आया हूं। यहां गांव और अस्पताल के विकास कार्य के लिए 2 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। बालासोर रेल हादसे की जांच स्वतंत्र रूप से चल रही है।
तीन दिन के ओडिशा दौरे पर हैं रेल मंत्री रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तीन दिन के दौरे पर ओडिशा पहुंचे हैं। वे यहां तीन दिन रहेंगे। मंगलवार को वे बालासोर पहुंचे और ट्रेन हादसे के दिन यात्रियों की मदद करने वाले लोगों से मिले। वैष्णव बालासोर जिला अस्पताल भी जाएंगे और यहां के डॉक्टर और स्टाफ से मिलेंगे। इसके अलावा वे बालासोर स्टेशन के डेवलपमेंट का रिव्यू करेंगे। वे बहानागा बाजार भी जाएंगे।
रेल मंत्रालय के मुताबिक, वैष्णव अपनी यात्रा के दौरान पुरी रेलवे स्टेशन का भी निरीक्षण करेंगे और विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा महोत्सव को देखते हुए तीर्थयात्रियों के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे। वे रथ यात्रा में भी शामिल होंगे।
ओडिशा के बालासोर में 2 जून की शाम को बहानगा बाजार स्टेशन के पास तीन ट्रेनों की टक्कर हो गई। इस टक्कर में 292 लोगों की मौत हो गए, वहीं 1000 लोग घायल हो गए। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, गाड़ियों के बीच टक्कर रोकने वाला कवच सिस्टम इस रूट पर मौजूद नहीं था।
ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनें एक-दूसरे से टकराईं। इस हादसे में एक लड़के को मरा हुआ समझकर उसे लाशों के नीचे दवा दिया गया। लाशों के बीच से जब उसने अपना हाथ हिलाया तो लोगों को पता चला कि वह जिंदा है।