अफसर अलर्ट मोड पर रहने के साथ-साथ मेन पावर व उपकरणों को दुरुस्त रखें

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उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रूहेला ने आपदा प्रबंधन के संबंध में समीक्षा बैठक ली
जयन्त प्रतिनिधि।
रूद्रप्रयाग : दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर पहुंचे उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन विनय रूहेला ने दूसरे दिन विकास भवन वीसी रूम में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर जनपद में आपदा प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्यों एवं राहत एवं बचाव के संबंध में समीक्षा की। उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन ने जिला स्तरीय अधिकारियों को कहा कि सभी जिला स्तरीय अधिकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जनहित से जुड़े कार्यों व योजनाओं को उसपर अपडेट करते रहें। उन्होने कहा कि इस प्रक्रिया के माध्यम से एक ओर जहां आम जनमानस व सरकारी मशीनरी के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी वहीं लोगों की शिकायतों को टेकअप करने व उनके निस्तारण में मदद मिलेगी। चालू मानसून सीजन के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के साथ-साथ अपने विभागीय संसाधनों यथा मेन पावर व उपकरणों को दुरुस्त रखने को कहा हैं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मानसून के दृष्टिगत जनपद एक संवेदनशील क्षेत्र है तथा यहां प्राकृतिक आपदाएं घटित होती रहती हैं इसके लिए सभी अधिकारी गंभीरता एवं संवेदनशीलता एवं मनोभाव से कार्य करें। जिससे कि कम से कम समय में राहत एवं बचाव कार्य करते हुए होने वाली क्षति को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर जनपदों की स्थिति की समीक्षा हेतु मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों के क्रम में सभी जनपदों का भ्रमण कार्यक्रम किया जा रहा है तथा आपदा के दृष्टिगत जनपदों में की जा रही तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में समीक्षा की जा रही है। उन्होंने जनपद में संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी लेते हुए कहा कि एनएच, लोनिवि एवं पीएमजीएसवाई उनके अधीन सड़क मार्गों का ठीक प्रकार से रख-रखाव रखें एवं सड़क बाधित होने पर तत्काल बाधित यात्रा मार्ग को यातायात हेतु सुचारू किया जा सके। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा के दृष्टिगत जनपद का महत्वपूर्ण स्थान है तथा यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा एवं सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए तथा संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने जनपद में विद्युत व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए अधिशासी अभियंता विद्युत को निर्देश दिए हैं कि जो भी विद्युत लाइनें व तार झूल रहे हैं तथा जो विद्युत पोल आपदा से क्षतिग्रस्त होते हैं उन्हें त्वरित गति से दुरूस्त करते हुए विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पेयजल समस्या के लिए भी जल निगम एवं जल संस्थान को पेयजल ग्रस्त क्षेत्रों एवं आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली पेयजल लाइनों का भी प्राथमिकता से दुरूस्त किया जाए। उन्होंने छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत जो विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण हैं एवं जिन स्थानों में सुरक्षात्मक कार्य कराए जाने हैं उसके लिए तत्परता से आंकलन तैयार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। एक ओर जहां एसडीआरएफ के अंतर्गत कराए जा रहे बचाव कार्यों को लेकर जिला प्रशासन की सराहना की वहीं सड़क, विद्युत, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा से प्रभावित अपने-अपने विभाग की परिसंपत्तियों को युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए दुरुस्त रखें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अमरदेई शाह, उपाध्यक्ष जिला पंचायत सुमंत तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर सिंह पंवार, महिला मोर्चा भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती आशा नौटियाल, युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रदीप राणा, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला, रुद्रप्रयाग आशीष चंद्र घिल्डियाल, पुलिस उपाधीक्षक हर्षवर्धनी सुमन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचसीएस मार्ताेलिया, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, अधिशासी अभियंता एनएच निर्भय सिंह, लोनिवि इंद्रजीत बोस, मनोज भट्ट, जल संस्थान अनीश पिल्लई, जल निगम नवल कुमार, विद्युत मनोज कुमार, उप प्रभागीय वनाधिकारी देवेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान मयकोटी अमित प्रदाली सहित जनप्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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