ओली को दोबारा बहुमत साबित करने से इनकार, देउबा के नेतृत्व में विपक्ष करेगा नई सरकार का दावा
काठमांडू, एजेंसी। नेपाल में सियासी संकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। पीएम केपी शर्मा ओली दोबारा बहुमत साबित करने से इनकार कर चुके हैं। वहीं विपक्ष पूर्व पीएम देउबा के नेतृत्व में नई सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रहा है।
नेपाल के विपक्षी दलों ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व में नई सरकार बनाने का दावा पेश करने का फैसला किया। इसके बाद इस देश में चल रहे राजनीतिक संकट में नया मोड़ आ गया। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने राजनीतिक दलों को नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए शुक्रवार शाम 5 बजे तक का समय दिया था।
विपक्षी दलों का फैसला तब आया है जब प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली संसद में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए एक और बार शक्ति परीक्षण से गुजरने में अनिच्छा व्यक्त कर चुके हैं।विपक्षी गठबंधन के नेता नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए शुक्रवार शाम को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के आधिकारिक आवास पर पहुंचे।
नेपाली कांग्रेस (एनसी), कम्युनिस्ट पार्टी अफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर), जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) के उपेंद्र यादव नीत धड़े और सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल के माधव नेपाल नीत धड़े समेत विपक्षी गठबंधन ने प्रतिनिधि सभा में 149 सदस्यों का समर्थन होने का दावा किया है। एनसी के वरिष्ठ नेता प्रकाश मान सिंह ने यह जानकारी दी।
‘माई रिपब्लिका’ वेबसाइट के अनुसार इन सदस्यों में नेपाली कांग्रेस के 61, सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) के 48, जेएसपी के 13 और यूएमएल के 27 सदस्यों के शामिल होने का दावा किया गया है।‘हिमालयन टाइम्स’ की खबर के अनुसार विपक्षी गठबंधन के नेता 149 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ सरकार बनाने का दावा करने वाला पत्र राष्ट्रपति को सौंपने के लिए उनके सरकारी आवास ‘शीतल निवास’ पहुंचे। इस पत्र में शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री बनाने की सिफारिश की गई है।