भारत में पाया गया ओमिक्रोन का सबवैरिएंट बीए़4, कई देशों में इसी से आई है कोरोना की नई लहर
नई दिल्ली,एजेंसी। इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इन्साकाग) ने हैदराबाद में पाए गए ओमिक्रान सबवेरिएंट बीए़ 4 के भारत में पहले मामले को लेकर पुष्टी कर दी है। कोरोना वायरस का यह स्ट्रेन बीए़2 सबवेरिएंट की तरह ही है। भारतीय एसएआरएस-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम ने कहा कि बीए़4 ओमिक्रोन वैरिएंट की पहचान हैदराबाद में एक कोविड पाजिटिव व्यक्ति के नमूने में की गई। इस व्यक्ति का 9 मई को सैंपल लिया गया था।
जनवरी के बाद से ओमिक्रोन के बीए़4 और बीए 5 वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका में कोरोना की पांचवीं कोरोना लहर के रूप में देखा गया है। इन वैरिएंट के चलते ही अमेरिका और यूरोप में कोरोना संक्रमण की एक नई लहर है। यह पहली बार है जब भारत में ओमिक्रोन के बीए4 वैरिएंट की जानकारी सामने आई है।
अभी हाल ही में 12 मई को यूरोपियन सेंटर फार डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने बीए 4 और बीए 5 ओमिक्रोन वैरिएंट को वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित किया था। ईसीडीपीसी ने बीए4 और बीए का जिक्र करते हुए कहा था कि इन वैरिएंट के स्पष्ट साक्ष्य उपलब्ध हैं जो ट्रांसमिशन, गंभीरता और प्रतिरक्षा पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव का संकेत देते हैं।
बता दें कि ओमिक्रोन के बीए 4 और बीए ़5 वैरिएंट को सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने क्रमश: जनवरी और फरवरी में रिपोर्ट किया था। तब से दोनों वैरिएंट दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और डेनमार्क आदि सहित यूरोप के देशों में कोरोना की नई लहर के रूप में देखा गया है। इन देशों में ओमिक्रोन के ये सबवैरिएंट ही कोरोना की लहर के लिए जिम्मेदार भी रहे हैं।
रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर बीए 4 और बीए 5 सबवैरिएंट ओमिक्रोन के मूल वैरिएंट से काफी अलग हैं, जिसके कारण वे पिछले संक्रमण से उत्पन्न प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता रखते हैं। नए ओमिक्रोन वैरिएंट (बीए़4 और बीए़5) ने ओमिक्रोन के बीए. ़2 वैरिएंट को बदल दिया है, जो कई देशों में सक्रिय कोरोना वायरस था।