नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशें मंजूर, इसी आधार पर मिलेगा आरक्षण
लखनऊ , एजेंसी। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशें योगी कैबिनेट ने शुक्रवार को मंजूर कर दी। अब इन्हीं संस्तुतियों के आधार पर नगरीय निकायों की सीटों में ओबीसी को आरक्षण प्रदान किया जाएगा। कैबिनेट ने इन सिफारिशों के आधार पर सीटें आरक्षित करने के निर्देश विभाग को भी दे दिए हैं।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कैबिनेट बैठक के बाद लोकभवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि निकाय चुनाव को लेकर पांच दिसंबर को अधिसूचना जारी हुई थी। इसके बाद कुछ याचिकाएं उच्च न्यायालय में दायर की गईं थीं। बाद में सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी।
न्यायालय ने आरक्षण की प्रक्रिया को समर्पित आयोग बनाकर जांचने के आदेश दिए थे। उन्होंने बताया कि 27 दिसंबर को उच्च न्यायालय का आदेश आया था, जिसके अगले ही दिन 28 दिसंबर को प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय श्उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोगश् का गठन किया।
आयोग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए छह माह का समय दिया गया था। आयोग ने आधे से भी कम समय में गुरुवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट को कैबिनेट ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया है। मंत्री ने बताया चूंकि राज्य सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है, और इस मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होनी है। ऐसे में आयोग की रिपोर्ट एक-दो दिनों के अंदर सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए आयोग की सिफारिशों को यहां नहीं बताया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही सरकार इसमें आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के लिए पहले भी प्रतिबद्घ थी और आगे भी इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी।