पटना। बिहार में सरकारी नौकरियों के मसले पर राजनीति तेज हो गई है। भाजपा के वरिष्घ्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के समय जिन नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, उन्हीं के नियुक्ति पत्र बांट कर नीतीश कुमार युवाओं को धोखा दे रहे हैं। सरकार नई नौकरियां देने के मसले पर युवाओं को ठग रही है। सुशील मोदी ने कहा कघ्िमहागठबंधन सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। मोदी ने कहा कि अब तक कैबिनेट की दो दर्जन से ज्यादा बैठकें हो चुकीं, लेकिन 10 लाख स्थायी नौकरी का कहीं अता-पता नहीं है। 4़5 लाख रिक्त पद भरने और 5़5 लाख नए पदों पर नौकरी देने की जो बात बार-बार प्रचारित की गई, उसका क्या हुआ? सरकार बताएं कि कितने रिक्त पद भरे गए और कितनी नई नियुक्तियां हुईं? मोदी ने कहा कि महागठबंधन ने संविदा पर बहाली बंद करने और पहले से संविदा पर बहाल लोगों की नौकरी स्थायी करने का वादा किया था, जबकि किसी की नौकरी स्थायी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जब संविदा पर नियुक्ति नहीं करनी थी, तब अमीन और कानूनगो के पद पर 10 हजार लोगों को संविदा पर मात्र एक साल के लिए नियुक्त करने की प्रक्रिया कैसे शुरू की गई? एक साल बाद इनका क्या होगा? मोदी ने कहा कि जो सरकार 4 लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को दो माह से वेतन नहीं दे पा रही है और विश्वविद्यालय शिक्षकों को महीनों से वेतन-पेंशन का इंतजार करना पड़ रहा है, वह सरकार 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी कैसे दे पाएगी? उन्घ्होंने कहा कि सरकार की पोल पूरी तरह खुल गई है।