पौडी़ गढ़वाल में एक सड़क ऐसी भी जिसमें नहीं चलते कोई वाहन
ग्रामीण करेंगे चुनाव बहिष्कार, मोटर पुल नहीं तो वोट नहीं
जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली। विकास को लेकर सरकार बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन लगता है ये सब सिर्फ दिखावे के सिवाय कुछ नहीं है। जब चुनाव नजदीक आते हैं तो फिर घोषनाओं की झड़ी लग जाती है। वही मामला प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का है जहाँ करोड़ों की लागत से सडक का निर्माण तो किया साथ ही डामरीकरण भी हो गया। पर मजे की बात यह है कि यह सड़क किसी भी मुख्य सड़क से नहीं मिल पाई, जिस कारण इस सडक में वाहन नही चल सकता है। जिसे लेकर विकास खंड कल्जीखाल के ग्रामसभा बडखोलू के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है। आपको बता दें की पूर्वी और पश्चिमी नयार नदी में 2010 में आई भंयकर बाढ के कारण बडखोलू झुला पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके बाद ग्रामीणों के द्वारा इस पर कई बार शासन प्रशासन को लिखा और आन्दोलन भी किया गया। जिसके बाद सरकार के द्वारा बडखोलू ग्रामसभा के लिए मोटर पुल की स्वीकृति मिली लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण मोटर पुल को बनने में कई अडचने आई और जब सभी अडचने ख़त्म हुई तो मोटर पुल निर्माण नहीं हो पा रहा है। जिस कारण पीएमजीएसवाई सडक का अब कोई औचित्य नहीं है
नियम तो कहता है कि पीएमजीएसवाई की सडक बनने के बाद इसे किसी भी मुख्य सड़क से जोड़ना जरूरी है। जबकि यह सडक बनने के बाद भी किसी मुख्य सडक से नहीं जुडी है क्योंकि एक और तो सड़क को जोड़ने के लिए कई किलोमीटर सड़क बनानी होगी तथा दूसरी और मोटर पुल का निर्माण होना जरूरी है, तभी जाकर यह सड़क किसी मुख्य सड़क से जुड़ पाएगी और उस पर वाहन चल पायेंगें।
गाँव के लिए बनी पीएमजीएसवाई की सडक पर मोटर पुल निर्माण को लेकर अब ग्रामसभा बडखोलू के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि बडखोलू में बनी सड़क को मोटर पुल से नहीं जोड़ा जाता है तो वह आने वाले विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डालेंगें। वही ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जर्जर हो चुके झुलापुल के कारण कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। सबसे ज्यादा दिक्कतें यहाँ पर बुजुर्ग, बच्चों और बीमार लोगों को इस झुला पुल से आने जाने में आती हैं। यदि गाँव के लिए मोटर पुल नहीं बनाया जाता है तो पुल नहीं तो वोट नहीं और किसी भी पार्टी के प्रतिनिधि को गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा।
रणवीर सिंह बिष्ट बडखोलू ग्राम प्रधान का कहना है कि २०१८ में मोटर पुल की स्वीकृत मिली थी लेकिन अभी तक पुल नहीं बना है। जबकि मोटर पुल बनता तो लगभग 40 ग्राम सभाओं को जोड़ता। इस के सन्दर्भ में शासन और प्रशासन से कई बार बात की जा चुकी है लेकिन किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं की गई महिपाल सिंह राज्य आन्दोलनकारी ग्राम रौन्तेला निवासी का कहना है कि विभाग की लापरवाही के कारण पुल का निर्माण नहीं हो पाया है जबकि विभाग द्वारा भूमि स्वामियों को मुआवजा भी दे दिया गया है। यदि चुनाव से पूर्व मोटर पुल का निर्माण शुरू नहीं किया जाता है तो ग्रामीण आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।