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मात्र दो घंटे में खुल जाएगी ओमिक्रॉन संक्रमण की पोल –

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आईसीएमआर ने असम के डिब्रूगढ़ में तैयार की एक नई कोविड टेस्ट किट
-ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह किट होगी काफी अहम साबित
नई दिल्ली, एजेंसी : कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ के खिलाफ जंग में भारतीय वैज्ञानिकों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने असम के डिब्रूगढ़ में एक नई कोविड टेस्ट किट तैयार की है। इससे महज दो घंटे में ओमिक्रॉन संक्रमण की पोल खोली जा सकती है। देश के कई राज्यों में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह किट काफी अहम साबित होगी।
गौरतलब है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में मिलाकर कुल 33 मामले सामने आ चुके हैं। अभी ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए किसी कोविड संक्रमित व्यक्ति के स्वैब सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग करानी पड़ती है, जिसमें कई दिन लग जाते हैं। हालांकि, आईसीएमआर के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आरसीएमआर) ने रियल टाइम में ओमिक्रॉन की पहचान करने वाली किट बनाने में सफलता हासिल कर ली है। वैज्ञानिक डॉ. बिस्वज्योति बोर्काकोटी ने इस किट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगाने में अभी कम से कम 36 घंटे लग जाते हैं। वहीं पूरी जीनोम सीक्वेंसिंग होने में चार से पांच दिन का समय लगता है। ऐसे में इस किट के आ जाने से काफी आसानी होगी।
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100 फीसदी सही हैं नतीजे
एएएनआई के मुताबिक कोलकाता की कंपनी जीसीसी बायोटेक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में इस किट को तैयार कर रही है। डॉ. बोर्काकोटी ने बताया कि इस किट को खासतौर पर कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के सिंथेटिक जीन फ्रैकमेंट्स पर टेस्ट किया गया है। साथ ही इसे दो बेहद खास क्षेत्रों के स्पाइक प्रोटीन और सिंथेटिक जीन फ्रैगमेंट्स के साथ भी जांचा गया है। इसके नतीजे 100 फीसदी तक सही आंके गए हैं। गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में डॉक्टर बोर्काकोटी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने कोरोना वायरस को आइसोलेट करने में सफलता पाई थी। ऐसा करने वाली यह देश की तीसरी सरकारी लैब बनी थी।

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