तीन दिन में बाल रोग विशेषज्ञ नहीं लौटे तो ओपीडी का बहिष्कार

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बागेश्वर। ग्वालदम निवासी सैनिक के डेढ़ साल के बच्चे की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। डीजी हेल्थ ने बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने के मामले में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित कुमार को सीएमओ कार्यालय में अटैच कर दिया है। इसका चिकित्सा संगठन ने विरोध जताया है। उन्होंन काला फीता बांधकर विरोध जताया। कहा कि यदि तीन दिन के भीतर अंकित को अस्पताल नहीं भेजा तो वह ओपीडी का बहिष्कार करेंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी डीजी हेल्थ व सरकार की होगी। संगठन के जिलाध्यक्ष गिरजा शंकर जोशी के नेतृत्व में चिकित्सकों ने काला फीता बांधकर जिला अस्पताल के बाद नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। जोशी ने कहा कि सीएमओ और सीएमएस की जांच में चिकित्सक निर्दोश पाए गए हैं। उसके बाद डीजी हेल्थ द्वारा एक तरफा कार्रवाई करते हुए बच्चा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकित कुमार को सीएमओ कार्यालय अटैच किया है। उन्होंने कहा डॉक्टरों पर इस तरीके के बिना वजह की कार्रवाई से चिकित्सकों का मनोबल टूटता है, जिसका वह विरोध करते हैं। समस्त डॉक्टरों का कहना है की जल्द ही डॉ. अंकित को अस्पताल में उनकी तैनाती नहीं दी गई तो तीन दिन बाद समस्त चिकित्सकों द्वारा ओपीडी का बहिष्कार किया जाएगा। उनको इस मांग को नहीं मानी तो इसे राष्ट्रीय स्तर का आंदोलन बनाया जाएगा। वहीं जिला अस्पताल में बाल लोग विशेषज्ञ के नहीं होने से थराली, ग्वालदम से बच्चों को दिखाने आए लोगों को वापस लौटना पड़ा। बच्चों को दिखाने आए तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। डॉक्टरों के इस आंदोलन को सीएमएस डॉ. तपन शर्मा ने भी समर्थन दिया है। इस मौके पर डॉ. चंद्र मोहन भैसोड़ा, डॉ. राजीव उपाध्याय, डॉ. कल्पना, डॉ. देवी दत्त शुक्ला, डॉ. गायत्री पांगती, डॉ. प्रीति यादव, डॉ. विदित पांडे, डॉ मोनिका पूरी, डॉ. रीमा उपाध्याय सहित अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।

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