एसटीएच के टीबी और चेस्ट विभाग की आधी-अधूरी बिल्डिंग में ओपीडी शुरू

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हल्द्वानी। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से संबंद्ध एसटीएच के टीबी व चेस्ट विभाग की आधी-अधूरी बिल्डिंग में शुक्रवार से ओपीडी शुरू कर दी गई। करोड़ों रुपये की ये बिल्डिंग दिसंबर-2023 में कॉलेज प्रबंधन को हैंडओवर हो जानी थी, लेकिन बिल्डिंग का कार्य पूरा नहीं हो सका है। एसटीएच का टीबी एंड चेस्ट हॉस्पिटल 2019 से टूटी-फूटी बिल्डिंग में संचालित हो रहा था। अस्पताल के पास हो रहे निर्माण कार्य से मरीजों के साथ-साथ डॉक्टर व स्टाफ भी परेशान थे। इधर, बिल्डिंग के हैंडओवर का मामला लटकने से मजबूरी में टीबी एंड चेस्ट की आधी-अधूरी बिल्डिंग में ओपीडी शुरू कर दी गई है। ओपीडी में आ रहे मरीजों को राहत मिलने लगी है, लेकिन भर्ती मरीजों को जब तक बिल्डिंग हैंडओवर नहीं हो जाती तब तक राहत मिलना मुश्किल है।
दिसंबर में हो जानी थी बिल्डिंग हैंडओवर
मेडिकल कॉलेज परिसर में टीबी एवं चेस्ट रोग विभाग के लिए 2018 में करीब 60 बेड का अलग अस्पताल भवन बनाने का निर्णय लिया था। निर्माण के बाद अगस्त 2023 में राजकीय मेडिकल कॉलेज को हस्तांतरित किया जाना तय हुआ था, लेकिन बिल्डिंग में टीबी मरीजों को भर्ती करने के लिए बनाए कमरों में वेंटिलेशन की उचित व्यवस्था, ड्रीनेज सिस्टम, रैंप, ओपीडी कक्ष गलत जगह पर बनने, प्रवेश द्वार आदि में तमाम खामियां पाई गईं। कॉलेज प्रबंधन ने निर्माण एजेंसी पेयजल निर्माण निगम से इन खामियों को दूर करने को कहा। दूसरी बार में दिसंबर 2023 में इसका हस्तांतरण करना तय हुआ था, लेकिन अभी तक बिल्डिंग में खामियां पूरी तरह से दूर नहीं की गई हैं। मामले में निर्माण एजेंसी पेजयल निर्माण निगम के सहायक अभियंता एसपी बडोनी का कहना है कि कुछ कमियां बताईं गई थीं जिन्हें दूर कर दिया गया है। जल्द ही बिल्डिंग को हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
टीबी मरीजों को नियमित दवा मिलना हो रहा मुश्किल
केंद्र सरकार ने 2025 में टीबी मुक्त भारत का नारा दिया है। इधर टीबी के मरीज लंबे समय से अस्पताल से दवा नहीं मिलने से परेशान है। कभी-कभी अस्पताल में दवा उपलब्ध हो रही है। ऐसे में विभाग के कर्मी जो दवा आ रही है उसे मरीजों में कम मात्रा में बांट कर काम चला रहे हैं। ताकि दवा खाने का क्रम न टूटे। दवा नहीं मिलने से नाराज मरीजों की अस्पताल के स्टाप से रोज नोकझोंक हो रही है।
टीबी एंड चेस्ट विभाग की बिल्डिंग में मरीजों को मिलने वाली चिकित्सा सुविधा के हिसाब से कई सारी खामियां थीं। जिसे ठीक कराया गया है। बिल्डिंग के एक हिस्से में शुक्रवार से ओपीडी चालू कर दी गई है। -डॉ. आरजी नौटियाल, विभागाध्यक्ष, टीबी एंड चेस्ट विभाग।

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