जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन ने विद्यालयों में लागू की गई वीएसके पोर्टल पर आधारित सेल्फ चेक-इन आनलाइन उपस्थिति प्रणाली का विरोध किया है। कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या रहती है। ऐेस में इससे कई समस्याएं समाने आ सकती है।
संगठन के अध्यक्ष जगदीश राठी ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में नेटवर्क की अनुलब्धता, टैबलेट्स की धीमी कार्यप्रणाली से उपस्थिति दर्ज करवाने में अत्यधिक समय लग रहा है। इस प्रणाली से शिक्षकों को तकनीकी, व्यवहारिक व साइबर सुरक्षा से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि इस प्रकार की अव्यवाहारिक कार्यप्रणाली से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह प्रणाली केवल शिक्षा विभाग में ही अनिवार्य की गई है, जिससे अन्य विभागों की तुलना में शिक्षकों की असमानता, हतोत्साह की भावना को जन्म ले रही है। शिक्षकों ने अनुच्छेद-21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार का हवाला देते हुए कहा कि लाइव लोकेशन करना शिक्षकों की निजता का हनन है। संगठन ने शासन-प्रशासन से इस व्यवस्था की व्यवहारिकता, तकनीकी पक्ष व निजता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समीक्षा करने की मांग की है।